ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने हत्या के एक मामले की अपील का निराकरण करते हुए रामनारायण नाम के युवक को अपने ताऊ की हत्या के आरोप से दोषमुक्त किया है. युवक को निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था. इसके बाद रामनारायण की तरफ से हाईकोर्ट में अपील की गई थी. इस दौरान 12 सालों तक रामनारायण जेल में बंद रहा. रामनारायण मानसिक रोगी भी है.
12 साल जेल में बंद रहा रामनारायण
इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए है कि अकारण रामनारायण के 12 साल जेल में बंद रहने के चलते सरकार उसे 3 लाख का भुगतान करें. या फिर सरकार चाहे तो इस मामले में गवाही देने वालों से 3 लाख की राशि वसूल कर सकती है. मुआवजे के लिए हाईकोर्ट ने फरियादी को निचली अदालत में जाने की भी छूट दी है.
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20 दिसंबर 2008 को हुई थी जसवंत की हत्या
दरअसल गुना जिले के चाचौड़ा इलाके में रहने वाले जयवंत 20 दिसंबर 2008 को घायल होकर अस्पताल पहुंचे थे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जयवंत सिंह पर किसी ने धारदार हथियारों से हमला किया था. 21 सितंबर को इस मामले में जसवंत के भतीजे रामनारायण को गिरफ्तार किया था. 2010 में रामनारायण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
जसवंत की हत्या के बाद रामनारायण के भाई ने की आत्महत्या
फरियादी पक्ष ने हाईकोर्ट में दलील पेश की थी रामनारायण की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए उसे झूठे केस में फंसा दिया गया. इस मामले में रामनारायण के बड़े भाई पप्पू पर हत्या का शक है. जसवंत की मौत के बाद पप्पू ने आत्महत्या कर ली थी. ऐसे में रामनारायण की तरफ से दलील दी गई थी कि संभावना है कि पप्पू ने जसवंत की हत्या कर आत्महत्या कर ली हो.