ग्वालियर। कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन में जहां बड़ी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों ने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था, उसी समय ग्वालियर के एक निजी होटल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले सिकंदर कंपू निवासी विनोद राजावत को भी अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. 18 हजार रुपए महीने की सेलरी में अपना परिवार चलाने वाले विनोद राजावत नौकरी जाने पर टूटे नहीं, बल्कि उन्होंने कुछ ऐसा किया, जिससे आज शहर भर में वो चर्चा का विषय बन गए हैं.
दरअसल विनोद राजावत की नौकरी छूट जाने के बाद अपनी पूरी जमा पूंजी इकट्ठी की और घर की छत पर मशरूम की खेती शुरू कर दी. परिवार के साथ मिलकर रात दिन मेहनत करने का नतीजा यह रहा, कि आज विनोद राजावत गार्ड की नौकरी से मिलने वाले वेतन से कई ज्यादा आमदनी घर बैठे कमा रहे हैं.
- मशरूम उगाने का इस तरह आया आइडिया
लॉकडाउन में नौकरी छूट जाने के बाद विनोद राजावत ने सोशल मीडिया पर एक किसान की मशरूम उगाने की कहानी देखी, और उसके बाद उस कहानी से प्रेरित हुए. उसके बाद सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने मशीन बनाने की विधि सीखी, विनोद राजावत ने अपनी छत पर मशरूम की खेती करने की विधि सीखकर 40 फीट में मशरूम की यूनिट बनाई. उसके बाद विनोद और उनकी पत्नी ने दिन रात मेहनत की, और उसके बाद उनकी मेहनत रंग लाने लगी, उनकी मेहनत का नतीजा यह निकला, कि वह हर महीने 20 से 25 हजार रुपए मशरूम से कमा रहे हैं.
- आत्मनिर्भर भारत अभियान से जज्बा और गूगल से सीख
विनोद राजावत बताते हैं कि नौकरी जाने का उन्हें भी दुख हुआ था, लेकिन प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान से सीख लेकर उन्होंने गूगल और यूट्यूब पर सर्च कर मशरूम की खेती को समझा और छत पर ही इसकी फार्मिंग शुरू कर दी.
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- नौजवानों के लिए मिसाल बने विनोद राजावत
आज के दौर में कई नवजवान नौकरी नहीं मिलने के लिए सरकार या प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं 52 साल की उम्र के विनोद राजावत ने नौकरी जाने के बाद नौजवानों के लिए एक मिसाल पेश की है, जिससे यह साबित होता है कि अगर किसी में काम करने का जुनून सवार हो तो कितना भी परेशानियां क्यों न हो उसे सफलता जरुर मिलती है.