ग्वालियर। सिटी सेंटर क्षेत्र में स्थित चिरायु हॉस्पिटल में मुरैना की एक महिला की मौत के बाद खासा हंगामा हो गया. परिजनों ने अस्पताल के अंदर और बाहर जमकर नारेबाजी की और डॉक्टरों को लुटेरा तक बताया. परिजनों का आरोप है कि नीरू शाक्य को दिल के पास गठान थी, इसके इलाज के लिए वह उसे 2 जनवरी को मुरैना से यहां लेकर आए थे. यहां के डॉक्टरों ने महिला की जांच रिपोर्ट और परीक्षण के बाद उसका सफलता से ऑपरेशन करने का दावा परिजनों से किया था.
6 घंटे का ऑपरेशन 1 घंटे में पूरा: नीरु शाक्य को परिजनों ने 2 जनवरी को एडमिट कर दिया था. इसके बाद बीते रोज उसका डॉक्टरों ने 1 घंटे के भीतर ऑपरेशन कर दिया, जबकि परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन का समय लगभग 6 घंटे बताया था. फिर अचानक अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज की हालत बिगड़ने और खून चढ़ाने के लिए उन्हें रात में ही ब्लड बैंक कंपू दौड़ाया. तीन बोतल ब्लड देने के बाद भी जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तब डॉक्टर ने उनसे महंगे इंजेक्शन लाने को कहा. लेकिन किसी भी इंजेक्शन में काम नहीं किया और तड़के नीरु की मौत हो गई.
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पुलिस को देना पड़ा दखल: परिजनों का साफ आरोप है कि ''अस्पताल के प्रबंधन ने महिला के इलाज में लापरवाही की है. यदि उनके बस की बात नहीं थी तो उन्हें अपने यहां ऑपरेशन के लिए मरीज को भर्ती नहीं करना था.'' यह अस्पताल किसी डॉक्टर शैलेंद्र सिंह का बताया गया है. परिजनों के हंगामा के चलते अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुला लिया. पुलिस ने काफी समझाइश के बाद परिजनों को महिला की लाश के साथ मुरैना के लिए रवाना किया. इस बीच पुलिस ने सीएमएचओ ऑफिस से अधिकारियों को बुला लिया. यहां पहुंचे अधिकारियों ने महिला से संबंधित फाइल की पड़ताल की है.
मरीजों को लूट रहे डॉक्टर्स: विवेचना अधिकारी आर के शर्मा का कहना है कि ''जिस तरह के तथ्य जांच में सामने आएंगे उसी के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.'' परिजनों का यह भी आरोप है कि पिछले 24 घंटे के दौरान यह अस्पताल में तीन मरीजों में दम तोड़ दिया है. यहां के डॉक्टर सिर्फ मरीजों को लूटने में लगे हैं. जबकि इलाज के नाम पर उनके पास कोई अनुभव नहीं है.