ग्वालियर। सिथौली के नजदीक बरौआ गांव में एक जमीन के सौदे में करोड़ों रुपए के स्टाम्प ड्यूटी की चोरी का आरोप लगा है. मामला सामने आने के बाद पंजीयन कोर्ट में केस रजिस्टर कर लिया गया है और जांच शुरु हो गई है. राजस्व चोरी में शामिल लोगों के अलावा आरोप विभागीय अधिकारियों पर भी लगा है. इस जमीन की खरीद और बिक्री में करीब 5 से 7 करोड़ रुपए के राजस्व का शासन को नुकसान का अनुमान है. शिकायतकर्ता दीपक चौहान ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि सौदे में उप पंजीयक दुष्यंत दीक्षित, कारोबारी संजय गर्ग और सर्विस प्रोवाइडर गौरीशंकर मित्तल की महत्वपूर्ण भूमिका है.
ग्वालियर जिला पंजीयक ने शुरू की जांच: जिला पंजीयक ने इस मामले में शिकायत को दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. उनका कहना है कि पंजीयन कोर्ट में जल्द ही इस मामले की सुनवाई शुरु होगी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि जो जमीन व्यवसायिक इस्तेमाल की है. उसे कृषि भूमि दिखाकर रजिस्ट्री कराई गई है. इसके अलावा सड़क की जमीन को रोड से अंदर की तरफ दिखाया गया है, ताकि स्टांप ड्यूटी का भुगतान व्यावसायिक नजरिए से ना करना पड़े. शिकायतकर्ता के मुताबिक, इस जमीन के लिए सरकार को सिर्फ 65 लाख रुपए की स्टांप ड्यूटी चुकाई गई है जबकि ये 5 करोड़ से ऊपर होनी चाहिए थी.
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न्यायालय में यह मामला विचाराधीन: इस मामले में जिला पंजीयक दिनेश गौतम का कहना है कि "न्यायालय में यह मामला विचाराधीन है. जिसमें सुनवाई की तारीख 14 अगस्त को होनी है. उन्होंने कहा कि इसमें मुख्य रूप से क्रेता और विक्रेता ही जिम्मेवार होते हैं. लेकिन सभी तथ्यों का खुलासा सुनवाई के बाद ही हो सकेगा." वहीं शिकायतकर्ता दीपक चौहान का कहना है कि "उन्होंने इसकी शिकायत लोकायुक्त आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW Madhya Pradesh) सहित अन्य वरिष्ठ लोगों से की है. हालांकि इस मामले में अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी है."
दीपक चौहान ने कागजातों के साथ शिकायत की है और सारे रिकॉर्ड रखे हैं. जिला पंजीयक अधिकारी दिनेश गौतम ने कहा है कि आरोपी क्रेता और विक्रेता को बनाया गया है. इस मामले में सभी पक्षों को वक्त दिया गया है कि वो अपना पक्ष रखें. प्रथमदृष्टया मामला स्टांप शुल्क के कर अपवंचन से जुड़ा हुआ है.