ग्वालियर। स्कूलों नया सत्र शुरू होने से पहले ही छात्रों के अभिभावकों पर कॉपी किताबों का दबाव बढ़ने लगा है और इसको लेकर प्राइवेट स्कूल और दुकान संचालक मनमानी करने में लगे हुए हैं, यही वजह है कि ग्वालियर कलेक्टर धारा 144 के तहत आदेश जारी किया है, इसमें निजी स्कूलों के लिए 10 बिंदुओं की गाइडलाइन तैयार की है. कलेक्टर अक्षय कुमार स्कूल संचालकों को कहा है कि "स्कूल में 15 जून से पहले नए सत्र की किताबों के लिए विद्यार्थी पर कोई दबाव न बनाया जाए, रिजल्ट से पहले ही किताबों की सूची जारी करें और स्कूल की वेबसाइट पर प्रकाशित करना अनिवार्य है.अगर किसी भी स्कूल संचालक ने इस आदेश का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी."
1 अप्रैल से लागू होगा आदेश: कलेक्टर अक्षय कुमार आदेश में लिखा है " प्राइवेट स्कूल संचालक और दुकानदार की सांठगांठ के चलते यूनिफॉर्म, किताब, जूते यह सब सामग्री तीन गुनी संख्या में छात्रों की अभिभावकों को दी जाती है, और इसके बदले कई स्कूल संचालक दुकानदारों से मोटा कमीशन भी लेते हैं. यही कारण है कि लगातार किताबें महंगी होती जा रही है, जिन्हें आम व्यक्ति नहीं खरीद पा रहा है और ना ही अपने बच्चों को पढ़ा पा रहा है." कलेक्टर का यह आदेश 1 अप्रैल से लागू रहेगा और कलेक्टर ने आदेश दिए हैं कि "इस आदेश को सभी स्कूल संचालक स्कूल की नोटिस बोर्ड पर चर्चा करेंगे, साथ ही अगर किसी भी स्कूल संचालक के द्वारा यह लापरवाही देखी जाती है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा."
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निजी स्कूल प्रबंधन को इन निर्दशों का करना होगा पालन:
- सभी स्कूल प्रबंधन पुस्तकों की सूची सार्वजनिक स्थान पर चर्चा करेंगे और इसकी सूची छात्रों के अभिभावकों को उपलब्ध कराएंगे.
- किसी भी छात्र के अभिभावक को यूनिफॉर्म किताब सहित अन्य सामग्री विशेष दुकान से खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.
- निधि प्रकाशन विक्रेता स्कूल परिसर में प्रचार-प्रसार हेतु किसी भी स्थिति में प्रवेश नहीं करें.
- किताबों के सेट की कीमत बढ़ाने के लिए आवश्यक सामग्री जो निर्धारित पाठ्यक्रम से संबंधित नहीं है, उसका खरीदना जरूरी न करें.
- कुछ विद्यालय अधिकतम दो से अधिक यूनिफार्म निर्धारित नहीं कर सकेंगे और यह यूनिफार्म कम से कम 3 साल तक परिवर्तन नहीं होनी चाहिए.