ग्वालियर। हाईकोर्ट और जिला कोर्ट के अधिकांश वकील सवा साल से मुफलिसी के दौर से गुजर रहे थे. अधिवक्ता संगठन लंबे समय से फिजिकल हियरिंग की मांग कर रहे थे. अब दोबारा हाई कोर्ट में फिजिकल हियरिंग शुरू होने से वकीलों ने राहत की सांस ली है. उनका कहना है कि वर्च्युअल हियरिंग में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था, जो अब आसान हो जाएगा. पेंडिंग केसेस को भी अब निपटाया जा सकेगा.
गौरतलब है कि ग्वालियर हाईकोर्ट और जिला न्यायालय में तकरीबन चार हजार से ज्यादा मामले रोजाना सुनवाई के लिए लिस्ट किए जाते हैं. लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण फैलने से अनिश्चितकाल के लिए हाई कोर्ट और जिला न्यायालय बंद कर दिए गए थे. बाद में कोर्ट कुछ महीनों पहले खुले तो सिर्फ वर्चुअल हियरिंग से जरूरी मामलों की सुनवाई शुरू की गई. इसमें कुछ जरूरी जनहित याचिका और जमानत के मामले लिए जाते रहे.
अधिवक्ताओं का कहना है कि वर्चुअल हियरिंग के लिए कई अधिवक्ता अपने आप को फिट नहीं पाते हैं, इंटरनेट सिग्नल की वजह से कई बार आवाज में भी परेशानी होती है, जिससे पक्षकार अभियोजन और जज के बीच परस्पर सही वार्तालाप नहीं हो पाता. बचाव पक्ष अपने तर्क मजबूती से नहीं रख पाता है, वहीं सरकार भी अपने अधिवक्ताओं के जरिए बात रखने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाती है.
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फिजिकल हियरिंग शुरू होने से अधिवक्ताओं ने कहा है कि इससे वह आर्थिक संकट से भी उबर सकेंगे और पक्षकारों को भी त्वरित न्याय मिल सकेगा, क्योंकि कई पक्षकार अपने मामले समय सीमा में कोर्ट में पेश नहीं कर पा रहे थे, वहीं हाईकोर्ट और जिला न्यायालय में पेंडेंसी भी बढ़ रही थी, लेकिन अब वकीलों और पक्षकारों को इससे राहत मिलेगी. इसी तरह हाई कोर्ट ने कई गंभीर किस्म के मामलों को फिजिकल हियरिंग के लिए ही सुनिश्चित किया था, जिनपर अब कम से कम सुनवाई हो सकेगी.