ग्वालियर। आने वाले विधानसभा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अब पिछडे़ वर्ग के लोगों ने भी अपने अधिकारों को लेकर सरकार को आईना दिखाने का काम शुरू कर दिया है. ग्वालियर चंबल संभाग की 34 सीटों पर अपना प्रभाव रखने वाली पिछड़ा वर्ग की जातियों के समूह ओबीसी महासभा ने हर विधानसभा क्षेत्र में पदयात्रा ने निकाली थी. जिसका समापन गुरुवार को ग्वालियर में किया गया. हजारों की संख्या में ओबीसी महासभा के बैनर तले लोगों ने छत्री बाजार से फूल बाग तक एक बड़ी रैली निकाली और अपनी मांगों को लेकर सरकारों को चेताया है.
जातिगत जनगणना कराने की मांग: ओबीसी महासभा की मांग है कि जातिगत जनगणना कराई जाए, क्योंकि बहुसंख्यक आबादी को हमेशा हाशिए पर रखा गया है. शिक्षण संस्थानों एवं न्यायपालिका में उनका प्रतिनिधित्व न के बराबर है. इसलिए 'जितनी जिनकी संख्या भारी, उतनी उनकी हिस्सेदारी', पर अब गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. वहीं आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ओबीसी महासभा ने अपने पिछडे़ वर्ग के समाज को पर्याप्त संख्या में सभी राजनीतिक दलों से टिकट देने की मांग की है. प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले पिछड़ा वर्ग समाज द्वारा जातिगत जनगणना और ओबीसी समाज की राजनीतिक हिस्सेदारी की मांग तेज कर दी गई है. इसी तारतम में ग्वालियर चंबल संभाग के सभी 34 जिलों में ओबीसी महासभा द्वारा सत्याग्रह पदयात्रा निकाली गई और ग्वालियर में यात्रा का समापन हुआ.
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ओबीसी समाज ने निकाली रैली: ग्वालियर जिले में यात्रा में शामिल ओबीसी समाज के नेताओं द्वारा ग्वालियर शहर की तीनों विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण किया और ग्वालियर के फूल बाग मैदान में रैली का समापन हुआ. रैली में पिछड़ा वर्ग समाज के चंबल अंचल के तमाम नेता और बड़ी संख्या में समाज बंधु मौजूद रहे. ग्वालियर के छत्री मंडी मैदान से यह रैली शुरू हुई जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए ग्वालियर के फूल बाग मैदान पर पहुंची. जहां रैली का समापन हुआ. रैली में शामिल पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय कोर समिति के सदस्य धर्मेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "जातिगत जनगणना की मांग को लेकर और ओबीसी समाज की जन हिस्सेदारी को लेकर हम लोग सड़क पर आए हैं, क्योंकि जिस प्रकार से 1931 के बाद हमारी जनगणना नहीं हुई है. इसे लेकर ओबीसी समाज में रोष है. हम सरकार को बताना चाहते हैं कि अगर ओबीसी वर्ग की राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं बढ़ाई तो आने वाले विधानसभा चुनाव में हम सरकार को सबक सिखायेंगे.