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Rebel in MP Congress: ग्वालियर से लेकर नर्मदापुरम में कांग्रेस के अंदर फूट, प्रदेश की कई विधानसभाओं में इस्तीफे का दौर, खातेगांव में दीपक जोशी का विरोध शुरु - एमपी की ताजा खबरें

एमपी कांग्रेसम में दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद से फूट पड़ गई है. प्रदेश के कई इलाकों से बगावत का दौर शुरू हो गया है. ग्वालियर, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, खातेगांव समेत कई विधानसभाओं से बगावत की खबर सामने आ रही है. आइए जानते हैं. किन-किन जगह पर कांग्रेस के नेताओं ने इस्तीफे दिए हैं.

MP Election 2023
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 11:06 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर दी है. लेकिन लिस्ट जारी होते ही पार्टी में बगवात का दौर शुरु हो गया है. प्रदेश की कई विधानसभाओं ने टिकट न मिलने को लेकर नाराजगी जताई है. साथ ही अन्य पार्टी से लड़ने का भी ऐलान कर दिया है. आइए जानते हैं, कांग्रेस की दूसरी लिस्ट के बाद कहां बगावत का दौर शुरु हो गया है.

खातेगांव में सीनियर नेता ने दिया इस्तीफा: प्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की गई थी. इसमें देवास जिले के खातेगांव विधानसभा में स्थानीय 8 प्रत्याशियों को छोड़कर बाहरी प्रत्याशी जो की बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र दीपक जोशी का नाम आने से प्रत्याशियों में शामिल क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता लक्ष्मी नारायण बंडावाला ने अपने समर्थकों के सहित कांग्रेस के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया. वहीं कई समर्थकों ने दीपक जोशी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए और साथ ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपना दर्द भी बयां किया.

गोटेगांव में कांग्रेस के भीतर विरोध के स्वर: गोटेगांव विधानसभा में कांग्रेस से शेखर चौधरी का टिकट कट कर एमपी प्रजापति को टिकट मिलने से शेखर चौधरी समर्थको कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है. कांग्रेस कार्यालय में मायूसी है. वहीं, कार्यकर्ता खुलकर शेखर चौधरी को चुनाव लड़ाने की पैरवी कर रहे हैं. शेखर चौधरी से निर्दलीय चुनाव मैदान में आने का भी दवाब बनाया जा रहा है. आपको बता दे कि नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव विधानसभा में पहली लिस्ट में कांग्रेस पार्टी द्वारा शेखर चौधरी को टिकट दिया गया था, लेकिन दूसरे लिस्ट में बदलकर वर्तमान विधायक एन पी प्रजापति को कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट दिया गया है. इससे शेखर चौधरी दुखी हैं. उन्होंने पार्टी से पुनः विचार करने के बात कहते हुए कार्यकर्ताओं समर्थकों से धैर्य रखने की बात की है. साथी उन्होंने अगली रणनीति का खुलासा नहीं किया है.

नर्मदापुरम में भी विरोध: नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा विधानसभा में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अजय बलराम पटैल के विरोध में सभी गुट एकजुट हो गए है. रात में पूर्व विधायक ओमप्रकाश रघुवंशी के निवास पर हुई नारेबाजी के बाद शुक्रवार सुबह से सभी कांग्रेस नेता इकट्ठा होना शुरू हो गए. जहां टिकिट वितरण को लेकर सामूहिक विरोध दर्ज किया गया. सभी कांग्रेस नेता इकट्ठा होकर पूर्व विधायक ओमप्रकाश रघुवंशी के निवास पर पहुंच गए. जहां बंद कमरे में घंटो टिकिट वितरण को लेकर चर्चा चलती रही. शुक्रवार सुबह ही प्रदेश कांग्रेस महासचिव राधेश्याम पटैल, कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह सोलंकी, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सुधीर पटेल, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विजयसिंह पटैल, कांग्रेस नेता कमलसिंह रघुवंशी, जिला पंचायत सदस्य शिवा राजपूत सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस जन पूर्व विधायक ओमप्रकाश रघुवंशी से मिलने पहुंचे. जहां सभी ने प्रत्याशी को लेकर विरोध करते हुए कहा कि सर्वे में जो नाम बताए गए थे, उनके अलावा अन्य को टिकिट देना दावेदारों के साथ धोखा करना है.

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दमोह में कांग्रेस के अंदर फूट: कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है, यह हम नहीं बल्कि सामने आ रही राजनीतिक तस्वीरों से खुद बयां हो रहा है. कांग्रेस के दो बड़े दलित नेताओं ने पार्टी को बाय-बाय कहकर बसपा का दामन थाम लिया है. ताज़्जुब तो इस बात का है की लगे हाथ पार्टी ने एक नेता को दमोह से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है. जबकि दूसरे नेता का टिकट लगभग 90% फाइनल माना जा रहा है. आज बसपा द्वारा की गई एक प्रेस वार्ता में दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से अपनी पीड़ा व्यक्त की. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और सुरेश पचौरी गुटके खासम खास माने जाने वाले भगवान दास चौधरी हटा सुरक्षित सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनकी जगह पार्टी ने प्रदीप खटीक को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे रूष्ट होकर उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देकर बसपा का दामन थाम लिया. तो दूसरी ओर अज्जाक्स संघ के जिला अध्यक्ष प्रताप रोहित ने भी बसपा का दामन थाम लिया. पार्टी ने भी देरी न करते हुए लगे हाथ उन्हें हटासे टिकट भी दे दिया. अब इन दोनों नेताओं का कहना है कि वह कांग्रेस और भाजपा को करारा जवाब देंगे. दलित मतदाताओं के साथ जिस तरह का खिलवाड़ किया गया है, उसका जवाब मिलेगा. पहले हम बात करते हैं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भगवानदास चौधरी की जो कभी विधायक अजय टंडन के खास और सुरेश पचौरी के क़रीब माने जाते थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के जिला अध्यक्ष रतनचंद जैन की कृपा से उनका टिकट कट गया है. इस समय अध्यक्ष रतन चंद जैन बेहद पावरफुल है. उन्हीं के कहने पर मेरा टिकट काटा गया है और प्रदीप खटीक को हटा सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. उनका कहना है कि हटा विधानसभा में सिर्फ डेढ़ सौ परिवार के लिए करीब 45000 दलित मतदाताओं के साथ छलावा किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में दमोह संसदीय क्षेत्र के 2 लाख से अधिक दलित मतदाता रतनचंद जैन को करारा जवाब देंगे. लगे हाथ उन्होंने अजय टंडन को भी लपेट लिया.

दूसरी तरफ अज्जाक्स संघ के अध्यक्ष प्रताप रोहित प्रेस वार्ता में रुआंसे से हो गए. उन्होंने कहा कि मेरे साथ छलावा करके मुझे जेल भिजवाया गया. मुझ पर सात अपराधिक प्रकरण दर्ज कराए गए. जो की पूरी तरह झूठे थे. मैं 1 साल तक जेल में रहा लेकिन किसी ने मेरा साथ नहीं दिया. मेरा एक साल कौन लौटएगा? मैं पूरी तरह निर्दोष होकर बाहर आया हूं. मैं किसी का नाम लेना नहीं चाहता, लेकिन यह चुनाव बताएगा कि कौन किस पर भारी है. उन्होंने दावा किया कि दलित समाज के हटा में 45 हज़ार तो दमोह में करीब 56 हज़ार मतदाता हैं. दोनों ही नेताओं ने एक स्वर में कहा कि दलित समाज अपना यह अपमान नहीं सहेगा.

बुरहानपुर में भी विरोध: विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को अधिकृत प्रत्याशी बनाया है, पार्टी के इस निर्णय से कांग्रेसी नेताओं सहित अल्पसंख्यक नेताओं में आक्रोश पनप रहा हैं. दरअसल टिकट घोषणा के पहले से ही अल्पसंख्यक वर्ग को टिकट देने की मांग की जा रहा थी, लेकिन निर्दलीय विधायक को टिकट दिया गया है. इससे नाराज नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान पर अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आरोप लगाया है. नाराज कांग्रेस के 23 पार्षदों ने कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष हमीद काजी और प्रदेश महासचिव अजय सिंह रघुवंशी को सामुहिक रूप से इस्तीफा सौंपा है. कांग्रेस प्रदेश महासचिव अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि बुरहानपुर के टिकट पर आलाकमान दोबारा विचार कर प्रत्याशी बदले, और पार्षद चुनाव में जीते हुए जनप्रतिनिधियों की मांग को स्वीकार कर अल्पसंख्यक नेता को टिकट दिया जाए, वही पार्षद दल के नेता उबेद शेख ने कहा पिछले 5 वर्षों में निर्दलीय विधायक ने कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए एक भी काम नही किया है, ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने से पार्टी को नुकसान होंगा, अल्पसंख्यक नेता को ही टिकिट दिया जाए.

सेंधवा और पानसेमल में भी विरोध: बड़वानी कांग्रेस की दूसरी सूची में सेंधवा विधानसभा पर जयस के जिला अध्यक्ष मोंटू सोलंकी को कांग्रेस ने अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं पानसेमल विधानसभा पर फिर से मौजूदा विधायक चंद्रभागा किराड़े को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है. इसके बाद से ही सेंधवा विधानसभा पर सेंधवा शहर के प्रमुख चौराहे पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष वीरेंद्र दरबार का पुतला जलाया. कमलनाथ के फैसले को गलत बताया. कांग्रेसियों का कहना है कि गैर कांग्रेसी को टिकट दिया गया है, जिस पर फिर से विचार करना चाहिए. कमलनाथ के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. इधर पानसेमल विधानसभा पर भी वहीं कांग्रेस की बैठक लेने पहुंचे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह दरबार ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस एक बड़ा परिवार है जिसमें नाराज़गी हो सकती है लेकिन जल्द ही नाराज लोगों से मिलकर उनको मना लिया जाएगा और साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा. बात दें की सेंधवा विधानसभा में अब तक बीजेपी ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है इस सवाल पर चुटकी लेते कहा कि यह कांग्रेस का दम है जो अब तक टिकट भाजपा तय नहीं कर पाई है.

ग्वालियर में भी विरोध: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं के द्वारा ही विरोध शुरू हो गया है. ग्वालियर विधानसभा में सुनील शर्मा को टिकट देने के बाद दर्जनभर दावेदार उनके विरोध में उतर आए हैं. कांग्रेस पार्टी के सभी दावेदार नेताओं ने एकजुट होकर ऐलान किया है कि अगर पार्टी ने ग्वालियर विधानसभा का टिकट नहीं बदला तो खुलकर विरोध करेंगे और सभी एकजुट होकर पार्टी को इस्तीफा सोपेंगे.

दरअसल ग्वालियर विधानसभा में कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची में सुनील शर्मा को टिकट दिया है. सुनील शर्मा को टिकट मिलने के बाद ग्वालियर विधानसभा में 6 महीने से टिकट की आज को लेकर तैयारी कर रही एक दर्जन से अधिक दावेदार कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में उतर आए हैं. सभी दावेदार कांग्रेस नेताओं ने एकजुट होकर पत्रकारों से चर्चा की और उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने फिर सिंधिया के एजेन्ट को टिकट दे दिया है, इसके अंदर ना तो चुनाव लड़ने की क्षमता है और न हीं कार्यकर्ता उसका साथ देते हैं. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व से मांग की है कि जल्दी से जल्दी ग्वालियर विधानसभा की टिकट को बदल जाए नहीं तो आगे की रणनीति तैयार करेंगे.

छतरपुर में विरोध: छतरपुर जिले के महाराजपुर विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के टिकट वितरण के बाद बगावत शुरू हो गई है. महाराजपुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से टिकट की दावेदारी कर रहे नौगांव नगर पालिका उपाध्यक्ष अजय दौलत तिवारी ने कांग्रेस की पहली लिस्ट घोषित होने के 5 दिन बाद क्षेत्रीय विधायक नीरज दीक्षित के ऊपर पार्टी के साथ गद्दारी करने के बावजूद भी प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उपाध्यक्ष दौलत तिवारी के समर्थन में कांग्रेस के एक पार्षद सहित एक दर्जन से अधिक कांग्रेस के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने भी इस्तीफा दिया है. कांग्रेस से इस्तीफा के बाद आगामी एक दो दिनों में अजय दौलत तिवारी महाराजपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हो सकते हैं.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर दी है. लेकिन लिस्ट जारी होते ही पार्टी में बगवात का दौर शुरु हो गया है. प्रदेश की कई विधानसभाओं ने टिकट न मिलने को लेकर नाराजगी जताई है. साथ ही अन्य पार्टी से लड़ने का भी ऐलान कर दिया है. आइए जानते हैं, कांग्रेस की दूसरी लिस्ट के बाद कहां बगावत का दौर शुरु हो गया है.

खातेगांव में सीनियर नेता ने दिया इस्तीफा: प्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की गई थी. इसमें देवास जिले के खातेगांव विधानसभा में स्थानीय 8 प्रत्याशियों को छोड़कर बाहरी प्रत्याशी जो की बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र दीपक जोशी का नाम आने से प्रत्याशियों में शामिल क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता लक्ष्मी नारायण बंडावाला ने अपने समर्थकों के सहित कांग्रेस के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया. वहीं कई समर्थकों ने दीपक जोशी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए और साथ ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपना दर्द भी बयां किया.

गोटेगांव में कांग्रेस के भीतर विरोध के स्वर: गोटेगांव विधानसभा में कांग्रेस से शेखर चौधरी का टिकट कट कर एमपी प्रजापति को टिकट मिलने से शेखर चौधरी समर्थको कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है. कांग्रेस कार्यालय में मायूसी है. वहीं, कार्यकर्ता खुलकर शेखर चौधरी को चुनाव लड़ाने की पैरवी कर रहे हैं. शेखर चौधरी से निर्दलीय चुनाव मैदान में आने का भी दवाब बनाया जा रहा है. आपको बता दे कि नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव विधानसभा में पहली लिस्ट में कांग्रेस पार्टी द्वारा शेखर चौधरी को टिकट दिया गया था, लेकिन दूसरे लिस्ट में बदलकर वर्तमान विधायक एन पी प्रजापति को कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट दिया गया है. इससे शेखर चौधरी दुखी हैं. उन्होंने पार्टी से पुनः विचार करने के बात कहते हुए कार्यकर्ताओं समर्थकों से धैर्य रखने की बात की है. साथी उन्होंने अगली रणनीति का खुलासा नहीं किया है.

नर्मदापुरम में भी विरोध: नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा विधानसभा में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अजय बलराम पटैल के विरोध में सभी गुट एकजुट हो गए है. रात में पूर्व विधायक ओमप्रकाश रघुवंशी के निवास पर हुई नारेबाजी के बाद शुक्रवार सुबह से सभी कांग्रेस नेता इकट्ठा होना शुरू हो गए. जहां टिकिट वितरण को लेकर सामूहिक विरोध दर्ज किया गया. सभी कांग्रेस नेता इकट्ठा होकर पूर्व विधायक ओमप्रकाश रघुवंशी के निवास पर पहुंच गए. जहां बंद कमरे में घंटो टिकिट वितरण को लेकर चर्चा चलती रही. शुक्रवार सुबह ही प्रदेश कांग्रेस महासचिव राधेश्याम पटैल, कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह सोलंकी, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सुधीर पटेल, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विजयसिंह पटैल, कांग्रेस नेता कमलसिंह रघुवंशी, जिला पंचायत सदस्य शिवा राजपूत सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस जन पूर्व विधायक ओमप्रकाश रघुवंशी से मिलने पहुंचे. जहां सभी ने प्रत्याशी को लेकर विरोध करते हुए कहा कि सर्वे में जो नाम बताए गए थे, उनके अलावा अन्य को टिकिट देना दावेदारों के साथ धोखा करना है.

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दमोह में कांग्रेस के अंदर फूट: कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है, यह हम नहीं बल्कि सामने आ रही राजनीतिक तस्वीरों से खुद बयां हो रहा है. कांग्रेस के दो बड़े दलित नेताओं ने पार्टी को बाय-बाय कहकर बसपा का दामन थाम लिया है. ताज़्जुब तो इस बात का है की लगे हाथ पार्टी ने एक नेता को दमोह से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है. जबकि दूसरे नेता का टिकट लगभग 90% फाइनल माना जा रहा है. आज बसपा द्वारा की गई एक प्रेस वार्ता में दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से अपनी पीड़ा व्यक्त की. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और सुरेश पचौरी गुटके खासम खास माने जाने वाले भगवान दास चौधरी हटा सुरक्षित सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनकी जगह पार्टी ने प्रदीप खटीक को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे रूष्ट होकर उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देकर बसपा का दामन थाम लिया. तो दूसरी ओर अज्जाक्स संघ के जिला अध्यक्ष प्रताप रोहित ने भी बसपा का दामन थाम लिया. पार्टी ने भी देरी न करते हुए लगे हाथ उन्हें हटासे टिकट भी दे दिया. अब इन दोनों नेताओं का कहना है कि वह कांग्रेस और भाजपा को करारा जवाब देंगे. दलित मतदाताओं के साथ जिस तरह का खिलवाड़ किया गया है, उसका जवाब मिलेगा. पहले हम बात करते हैं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भगवानदास चौधरी की जो कभी विधायक अजय टंडन के खास और सुरेश पचौरी के क़रीब माने जाते थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के जिला अध्यक्ष रतनचंद जैन की कृपा से उनका टिकट कट गया है. इस समय अध्यक्ष रतन चंद जैन बेहद पावरफुल है. उन्हीं के कहने पर मेरा टिकट काटा गया है और प्रदीप खटीक को हटा सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. उनका कहना है कि हटा विधानसभा में सिर्फ डेढ़ सौ परिवार के लिए करीब 45000 दलित मतदाताओं के साथ छलावा किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में दमोह संसदीय क्षेत्र के 2 लाख से अधिक दलित मतदाता रतनचंद जैन को करारा जवाब देंगे. लगे हाथ उन्होंने अजय टंडन को भी लपेट लिया.

दूसरी तरफ अज्जाक्स संघ के अध्यक्ष प्रताप रोहित प्रेस वार्ता में रुआंसे से हो गए. उन्होंने कहा कि मेरे साथ छलावा करके मुझे जेल भिजवाया गया. मुझ पर सात अपराधिक प्रकरण दर्ज कराए गए. जो की पूरी तरह झूठे थे. मैं 1 साल तक जेल में रहा लेकिन किसी ने मेरा साथ नहीं दिया. मेरा एक साल कौन लौटएगा? मैं पूरी तरह निर्दोष होकर बाहर आया हूं. मैं किसी का नाम लेना नहीं चाहता, लेकिन यह चुनाव बताएगा कि कौन किस पर भारी है. उन्होंने दावा किया कि दलित समाज के हटा में 45 हज़ार तो दमोह में करीब 56 हज़ार मतदाता हैं. दोनों ही नेताओं ने एक स्वर में कहा कि दलित समाज अपना यह अपमान नहीं सहेगा.

बुरहानपुर में भी विरोध: विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को अधिकृत प्रत्याशी बनाया है, पार्टी के इस निर्णय से कांग्रेसी नेताओं सहित अल्पसंख्यक नेताओं में आक्रोश पनप रहा हैं. दरअसल टिकट घोषणा के पहले से ही अल्पसंख्यक वर्ग को टिकट देने की मांग की जा रहा थी, लेकिन निर्दलीय विधायक को टिकट दिया गया है. इससे नाराज नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान पर अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आरोप लगाया है. नाराज कांग्रेस के 23 पार्षदों ने कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष हमीद काजी और प्रदेश महासचिव अजय सिंह रघुवंशी को सामुहिक रूप से इस्तीफा सौंपा है. कांग्रेस प्रदेश महासचिव अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि बुरहानपुर के टिकट पर आलाकमान दोबारा विचार कर प्रत्याशी बदले, और पार्षद चुनाव में जीते हुए जनप्रतिनिधियों की मांग को स्वीकार कर अल्पसंख्यक नेता को टिकट दिया जाए, वही पार्षद दल के नेता उबेद शेख ने कहा पिछले 5 वर्षों में निर्दलीय विधायक ने कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए एक भी काम नही किया है, ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने से पार्टी को नुकसान होंगा, अल्पसंख्यक नेता को ही टिकिट दिया जाए.

सेंधवा और पानसेमल में भी विरोध: बड़वानी कांग्रेस की दूसरी सूची में सेंधवा विधानसभा पर जयस के जिला अध्यक्ष मोंटू सोलंकी को कांग्रेस ने अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं पानसेमल विधानसभा पर फिर से मौजूदा विधायक चंद्रभागा किराड़े को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है. इसके बाद से ही सेंधवा विधानसभा पर सेंधवा शहर के प्रमुख चौराहे पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष वीरेंद्र दरबार का पुतला जलाया. कमलनाथ के फैसले को गलत बताया. कांग्रेसियों का कहना है कि गैर कांग्रेसी को टिकट दिया गया है, जिस पर फिर से विचार करना चाहिए. कमलनाथ के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. इधर पानसेमल विधानसभा पर भी वहीं कांग्रेस की बैठक लेने पहुंचे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह दरबार ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस एक बड़ा परिवार है जिसमें नाराज़गी हो सकती है लेकिन जल्द ही नाराज लोगों से मिलकर उनको मना लिया जाएगा और साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा. बात दें की सेंधवा विधानसभा में अब तक बीजेपी ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है इस सवाल पर चुटकी लेते कहा कि यह कांग्रेस का दम है जो अब तक टिकट भाजपा तय नहीं कर पाई है.

ग्वालियर में भी विरोध: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं के द्वारा ही विरोध शुरू हो गया है. ग्वालियर विधानसभा में सुनील शर्मा को टिकट देने के बाद दर्जनभर दावेदार उनके विरोध में उतर आए हैं. कांग्रेस पार्टी के सभी दावेदार नेताओं ने एकजुट होकर ऐलान किया है कि अगर पार्टी ने ग्वालियर विधानसभा का टिकट नहीं बदला तो खुलकर विरोध करेंगे और सभी एकजुट होकर पार्टी को इस्तीफा सोपेंगे.

दरअसल ग्वालियर विधानसभा में कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची में सुनील शर्मा को टिकट दिया है. सुनील शर्मा को टिकट मिलने के बाद ग्वालियर विधानसभा में 6 महीने से टिकट की आज को लेकर तैयारी कर रही एक दर्जन से अधिक दावेदार कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में उतर आए हैं. सभी दावेदार कांग्रेस नेताओं ने एकजुट होकर पत्रकारों से चर्चा की और उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने फिर सिंधिया के एजेन्ट को टिकट दे दिया है, इसके अंदर ना तो चुनाव लड़ने की क्षमता है और न हीं कार्यकर्ता उसका साथ देते हैं. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व से मांग की है कि जल्दी से जल्दी ग्वालियर विधानसभा की टिकट को बदल जाए नहीं तो आगे की रणनीति तैयार करेंगे.

छतरपुर में विरोध: छतरपुर जिले के महाराजपुर विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के टिकट वितरण के बाद बगावत शुरू हो गई है. महाराजपुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से टिकट की दावेदारी कर रहे नौगांव नगर पालिका उपाध्यक्ष अजय दौलत तिवारी ने कांग्रेस की पहली लिस्ट घोषित होने के 5 दिन बाद क्षेत्रीय विधायक नीरज दीक्षित के ऊपर पार्टी के साथ गद्दारी करने के बावजूद भी प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उपाध्यक्ष दौलत तिवारी के समर्थन में कांग्रेस के एक पार्षद सहित एक दर्जन से अधिक कांग्रेस के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने भी इस्तीफा दिया है. कांग्रेस से इस्तीफा के बाद आगामी एक दो दिनों में अजय दौलत तिवारी महाराजपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हो सकते हैं.

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