ग्वालियर। जिला न्यायालय की विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने गांजा तस्करी के मामले में 2 महिलाओं को तीन-तीन साल की सजा से दंडित किया है और उन दोनों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. दोनों ही महिलाएं उत्तराखंड के हरिद्वार की रहने वाली हैं. इसमें एक महिला सुनीता पिछले 4 सालों से अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में बंद है, जबकि दूसरी महिला डेढ़ साल बाद जमानत पर छूट चुकी थी. इस मामले को लेकर 22 अप्रैल 2019 को मुखबिर से आरपीएफ को सूचना मिली थी कि दक्षिण एक्सप्रेस जो हैदराबाद से दिल्ली की ओर जा रही है उसमें जनरल बोगी में बैठी दो महिलाएं संदिग्ध हैं और उनके बैग में कुछ आपत्तिजनक है.
महिलाओं के पास से मिला 8 किलो गांजाः इस सूचना पर आरपीएफ ने महिलाओं की तलाशी ली थी. एक महिला के पास 4 किलो तो दूसरी के पास साढे़ 4 किलो गांजा मिला था. इस पर आरपीएफ और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने इन महिलाओं को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया था. बता दें कि सुनीता नामक महिला को जेल में बंद रहने के दौरान डेढ़ साल बाद जमानत मिल गई थी और उसे मुचलके के रूप में 1 लाख रुपये जमा कराने के आदेश दिए गए थे. लेकिन पैसे नहीं होने के कारण महिला जेल से नहीं छूट सकी थी. उसकी यह सजा तीन साल की सजा से कहीं ज्यादा है. इसलिए महिला को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. जबकि दूसरी महिला सीता ने डेढ़ साल जेल में गुजारे थे उसे डेढ़ साल और गुजारने होंगे.
ये भी पढ़ें... |
गांजा तस्करी मामले में पकड़ी महिलाओं को सुनाई सजाः जिला न्यायालय ग्वालियर के शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि एनडीपीएस कोर्ट ने गांजा तस्करी में पकड़ी गई दोनों महिलाओं के मामले पर फैसला सुनाया है. उन्होंने कहा कि आवेदक ने कहा था कि इन महिलाओं का उद्देश्य समाज में नशे के कारोबार को बढ़ाने का है, जो गंभीर किस्म का है. इस पर न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाते हुए इन महिलाओं को 3-3 साल की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.