ग्वालियर। साल 2022 में हुई नवविवाहिता नीतू गुर्जर की संदिग्ध मौत मामले की जांच हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सीबीआई को सौंप दी है. नीतू के मायके वालों ने उसके ससुराल पक्ष के साथ ही पुलिस और मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाली टीम पर गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे. इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंच गया था. हाई कोर्ट में पीड़ित परिवार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के गर्भवती होने का जिक्र नहीं किया गया. महिला की मौत सांप के काटने से होना बताया गया है. जबकि जहां सांप ने काटा था, उस जगह की स्किन को FSL जांच के लिए भी नहीं भेजा गया था.
सांप के काटने से मौत को बताया गलत: पीड़ित परिवार का कहना है कि 31 मई 2022 को नीतू गुर्जर की शादी दहेली गांव के ध्रुव सिंह के साथ हुई थी. इसके बाद से ही ससुरालवाले हर दिन दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करते थे. इसी बीच संदिग्ध परिस्थितियों में 10 अक्टूबर 2022 को नीतू की मौत हो गई थी. ससुराल वालों ने कहा था कि नीतू की मौत सांप के काटने की वजह से हुई. नीतू के मायकेवालों ने इस बात को नहीं माना और मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग की थी. पुलिस द्वारा ऐसा न किए जाने पर उन्होंने हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की.
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फॉरेंसिक रिपोर्ट भी तलब की गई: पीड़ित परिवार का कहना है कि इस मामले में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और पुलिस ने औपचारिकता भर निभाई है. नीतू के पिता का कहना है कि ये दहेज हत्या का मामला है लेकिन पुलिस ने सिर्फ प्रकरण दर्ज कर इसे छोड़ दिया. इस मामले की फॉरेंसिक रिपोर्ट भी न्यायालय में तलब की गई है. हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस मामले में पुलिस और चिकित्सकों की गंभीर लापरवाही मानी है. उनका कहना है कि जो महिला 5 महीने से गर्भवती थी, उसकी मौत को लेकर तथ्य छुपाया जाना बेहद गंभीर है. इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को केस सौंपा जाना जरूरी है. अब नीतू गुर्जर मौत मामले की जांच सीबीआई करेगी और अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करेगी.