ग्वालियर। शहर के गिरवाई थाना क्षेत्र के 13 वीं बटालियन के सरकारी आवास में रहने वाले एक पुलिस आरक्षक की उसके घर में ही हत्या कर दी गई. हत्या के शक में पुलिस ने पिता और मृतक के छोटे भाई को हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. दरअसल, इस हत्याकांड का खुलासा उस समय हुआ, जब आधी रात को तीन व्यक्ति मोटरसाइकिल पर बटालियन के पास जाते दिखे तो पुलिस के गश्ती दल द्वारा टोकने पर उन्होंने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी. कुछ समय बाद इसी मोटरसाइकिल पर दो लोग लौटते देखे तो पुलिस ने उन्हें रोका और जब तीसरे व्यक्ति के बारे में पूछताछ की तब इस हत्याकांड का खुलासा हुआ. Gwalior murder case
बटालियन परिसर में मिला शव : तलाश करने पर बटालियन के परिसर में मृतक अनुराग राजावत की लाश पड़ी मिली. आशंका है कि अनुराग राजावत उर्फ सानू की उसी के घर में पिता सुखबीर राजावत और छोटे भाई गोविंद राजावत ने हत्या की है. उसके हाथ-पैर बंधे हुए मिले. शरीर अकड़ा हुआ मिला है. इससे संभावना है कि मृतक की हत्या एक दिन पहले की गई थी और लाश छुपाने के लिए पिता व पुत्र एक अन्य व्यक्ति भीम सिंह परिहार की मदद से रात को निकले थे लेकिन उनके किए धरे पर पानी फिर गया. पुलिस ने पिता पुत्र को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है. Gwalior murder case
भोपाल में तैनात था कांस्टेबल : पता लगा है कि अनुराग राजावत भोपाल जिला बल में कांस्टेबल था और पुलिस अफसरों का वाहन चलाता था. लेकिन वह शराब के साथ स्मैक और अन्य नशे भी करता था. जिसके कारण घर में क्लेश होता था. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि नशे की आदत के कारण ही परिजनों ने उसकी शादी में रुचि नहीं दिखाई थी. इसी को लेकर अनुराग अपने घर वालों से झगड़ता रहता था. तीन दिन पहले ही वह भोपाल से ग्वालियर लौटा था और 13 वीं बटालियन के अपने पिता के आवास सरकारी आवास में रुका हुआ था. जहां मृतक अनुराग की मां किसी कार्य से बाहर गई हुई थी घर में पिता और दोनों पुत्रों के अलावा कोई भी नहीं था. बुधवार को दिनभर इनमें झगड़ा होता रहा. इस मामले में एएसपी अमृत मीणा ने बताया कि संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. Gwalior murder case
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श्रम विभाग का अभियान : बाल कल्याण विभाग के निर्देश पर श्रम विभाग ने गुरुवार को बाल श्रमिक और किशोर श्रमिक को नियोजित किए जाने के खिलाफ अभियान चलाया और लगभग आधा दर्जन बच्चों को उसने रिकवर किया. श्रम विभाग को चार बच्चे फिलहाल मिले हैं, जो स्कूटर-मोटरसाइकिल मैकेनिक तथा होटल पर काम कर रहे थे. इनमें दो बच्चे 14 साल की कम उम्र के हैं. जबकि दो बच्चे लगभग 16 साल के बताए गए हैं. श्रम निरीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि ये अभियान लगातार चलेगा.