ग्वालियर। शुक्रवार को नगर निगम परिषद बैठक में विपक्षी पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. भाजपा पार्षदों ने शहर में उफनते सीवरेज, बदहाल सड़कें, बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट और दूषित पेयजल को लेकर सभापति की आसंदी घेरा. विपक्षी पार्षदों ने एजेंडे पर चर्चा ना कराते हुए परिषद में लगाए गए स्थगन पर चर्चा करने के लिए परिषद में दबाव बनाया था जहां सभापति ने पार्षदों के द्वारा स्थगन में लाए गए मुद्दों को जनहित के मुद्दे बताए.
निगम कमिश्नर पर भी कार्रवाई की मांग: शहर की जनता ने पार्षदों को चुनकर परिषद में भेज तो दिया है, लेकिन उनकी मूलभूत समस्याएं सरकार बनने के लगभग 3 माह बाद भी जस की तस हैं. परिषद में जनसमस्याओं की आवाज उठाने वाले पार्षदों ने शहर के विकास में रोड़ा बने अधिकारियों पर कार्रवाई न होने पर एकजुटता दिखाते हुए परिषद में जमकर हंगामा किया. पार्षदों ने चर्चा के दौरान यह तक कह दिया कि दोषी अधिकारियों पर मेहरबान निगम कमिश्नर पर भी कार्रवाई की जाना चाहिए. वहीं नेता प्रतिपक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि निरंकुश अधिकारियों को ठीक करके ही मानेंगे, लापरवाह अधिकारियों को शहर विकास से कोई लेना देना नहीं है.
अधिकारियों को सुधारकर ही मानेंगे: विपक्षी पार्षदों का कहना है कि शहर के विकास की लड़ाई गांधीवादी तरीके से लड़ेंगे और जरूरत पड़ी तो अन्य तरीका भी इस्तेमाल करेंगे, लेकिन अधिकारियों को ठीक करके ही मानेंगे और इन्हीं से विकास कार्य कराएंगे. परिषद में हुए हंगामे को लेकर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल का कहना है कि 66 पार्षदों में से 40 पार्षदों ने हमें लिख कर दिया है कि उनके क्षेत्र में काम हुए हैं लेकिन प्रजातंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है. हमारा प्रयास है कि सभी वार्डों में काम हो उसके लिए लगातार अधिकारियों को भेजा जा रहा है, कुछ कमियां हैं तो उन्हें भी दूर किया जाएगा.
(Gwalior municipal Council Meeting) (BJP Councilors created Ruckus in Council Meeting) (BJP Councilors allegations against officials)