ग्वालियर। एक आपराधिक मुकदमे में पिंकी और उसके भाई गजेंद्र की गवाही को लेकर इस हत्याकांड को चार साल पहले अंजाम दिया गया था. घटना उपनगर ग्वालियर थाना क्षेत्र के कोटेश्वर महादेव मंदिर के पास की थी. 14 मार्च 2019 की आधी रात को पिंकी उर्फ विनोद किरार अपने घर नहीं पहुंचा तो उसके भाई गजेंद्र ने उसे फोन लगाया. लेकिन पिंकी ने बताया कि उसे कुछ लोगों ने घेर लिया है. यह सुनते ही गजेंद्र अपने भाई को बचाने मौके पर आया. उसने देखा कि हमलावर मोनू उर्फ चंद्रवीर सेठी उर्फ जसवीर, सुनील राठौर, अजय राय, सचिन मांझी एवं मनीष शर्मा मृतक पिंकी पर लाठी बंदूक और अन्य हथियारों से हमला कर रहे थे.
भाई को भी मारी थी गोली : गजेंद्र ने अपने भाई को बचाने की कोशिश की तो उसे भी गोली मार दी गई. कई दिनों के इलाज के बाद गजेंद्र ठीक हो सका. इस वारदात में उसके भाई पिंकी की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस मामले में कुल छह आरोपी बनाए गए थे. एक आरोपी विक्की किरार के मामले में अलग से चालान अभियोजन पेश करेगा. न्यायालय ने बंदूक के लाइसेंसधारक को भी तीन साल की सजा सुनाई है. उसकी बंदूक का इस हमले में इस्तेमाल की गई थी.
पुलिस ने दिखाई सजगता : ग्वालियर पुलिस ने इस मामले में हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा सहित अवैध हथियार अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने वारदात से जुड़े सारे सबूत सजगता के साथ जमा किए और चालान के साथ पेश किये. जिससे सजा मिल सकी. सजा सुनाए जाने के बाद आरोपियों को केंद्रीय कारागार भेज दिया गया है. शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने यह जानकारी दी.