ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने उस नव विवाहिता को कहीं भी रहने की स्वतंत्रता दे दी है, जिस पर उसकी ही मां ने आरोप लगाया था कि वह एक युवक के पास अवैध तरीके से रह रही है. युवती की मां रेखा शुक्ला ने हाईकोर्ट में इसे लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी.
खास बात यह है कि हाईकोर्ट में पहले तो युवती ने स्वेच्छा से अपने प्रेमी से शादी रचाने की बात कही, लेकिन परिजनों से बात होने के बाद युवती परिजनों के साथ जाने के लिए राजी हो गई.
दरअसल, उपनगर मुरार में रहने वाली 19 साल की नवयुवती 6 अगस्त को पढ़ने के लिए लक्ष्मी बाई कॉलोनी स्थित कोचिंग सेंटर पर आई थी. उसके बाद वह घर नहीं पहुंची. फिर लड़की की मां ने अगले दिन यानी 7 अगस्त को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी. खास बात यह भी है कि इसी दिन लड़की ने विदिशा के आर्य समाज मंदिर में शुभम राणा नामक युवक से शादी भी कर ली थी.
मुरार पुलिस ने लड़की को जब कोर्ट में पेश किया तो उसने अपने शादी के दस्तावेज दिखाए और शुभम राणा को क्लीन चिट देते हुए कहा कि उसने अपनी मर्ची से शुभम के साथ शादी की है और उसके साथ वह रहना चाहती है, लेकिन कोर्ट ने युवती को कुछ समय के लिए अपने परिजनों के पास बातचीत के लिए भेज दिया.
जब शाम के वक्त कोर्ट में दोबारा युवती को बयान दर्ज कराने के लिए उसे बुलाया गया तो उसने कहा कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती है और परिजनों के पास रहना चाहती है. नव युवती ने कहा कि वह शुभम राणा के खिलाफ कोई कार्रवाई कराना नहीं चाहती है. हाईकोर्ट ने नव युवती को स्वतंत्रता दी है कि वह कहीं भी रह सकती है और पुलिस उसे सुरक्षित उसके बताए स्थान पर छोड़कर आए. कोर्ट ने यह भी कहा है कि ग्वालियर और विदिशा के पुलिस अधीक्षक भविष्य में लड़की को किसी भी तरह के खतरे अथवा उसके समस्या ग्रस्त होने पर प्राथमिकता से उसकी सुनवाई करेंगे.