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Gwalior High Court महिला ने खुद बनाया अपने साथ हुए रेप का वीडियो, हाई कोर्ट ने जताया आश्चर्य

महिला से रेप के मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी की जमानत पर विचार किया है, लेकिन इससे पहले घटना से संबंधित वीडियो सरकारी वकील को देखने के लिए बोला है. महिला का कहना है कि रेप की घटना का उसने गुपचुप तरीके से वीडियो बनाया है. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने खुद ही इसका वीडियो बनाया है, इसलिए मामला संदिग्ध है.

woman herself made video of her rape
महिला ने खुद बनाया अपने साथ हुए रेप का वीडियो
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Published : Feb 10, 2023, 6:48 PM IST

महिला ने खुद बनाया अपने साथ हुए रेप का वीडियो

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी के जमानत पर विचार करने के बाद पुलिस को निर्देशित किया है कि वह सरकारी वकील को कथित दुष्कर्म का वीडियो दिखाए. लेकिन इस वीडियो का कहीं भी ट्रांसफर नहीं किया जाए. दरअसल, ग्वालियर के बिलौआ थाना क्षेत्र में रहने वाली एक विवाहिता ने जितेंद्र बघेल नामक व्यक्ति पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है. महिला ने यह भी कहा है कि जब उसके साथ दुष्कर्म हो रहा था, तब उसने घटना का गुपचुप तरीके से वीडियो भी बनाया था. यह बात पुलिस की एफआईआर में भी आई है.

घर में घुसकर रेप की धाराओं में केस दर्ज : पुलिस ने उस वीडियो को भी महिला से जब्त किया था. महिला की शिकायत के बाद आरोपी जितेन्द्र बघेल के खिलाफ घर में घुसकर रेप करने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था और उसे जेल भेज दिया गया था. उसने हाईकोर्ट में अपनी जमानत के लिए आवेदन लगाया है. लेकिन हाई कोर्ट जज अतुल श्रीधरण ने इस पर आश्चर्य जताया. उन्होंने कहा कि जब दुष्कर्म की घटना होती है तो पीड़िता द्वारा उसका विरोध किया जा सकता है. लेकिन कोई दुष्कर्म पीड़िता इसका वीडियो खुद कैसे बना सकती है.

Gwalior Rape Case: आदिवासी महिला के साथ चलती कार में गैंगरेप, काम दिलाने के बहाने बनाया हवस का शिकार

सरकारी वकील को निर्देश : हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को निर्देशित किया है कि वह इस मामले का परीक्षण करें कि पीड़ित महिला से बरामद पेन ड्राइव अथवा सीडी रेप की पुष्टि करती है अथवा महिला द्वारा स्वेच्छा से आरोपी जितेंद्र बघेल के साथ रिश्ते बनाए गए. इस मामले में आरोपी जितेंद्र बघेल की वकील संगीता पचौरी का कहना है कि महिला के पति और जितेंद्र के बीच कुछ पैसों के लेनदेन का विवाद था. लेकिन जितेंद्र को पति-पत्नी ने मिलकर रेप के केस में झूठा फंसा दिया. यह घटना बिलौआ थाने में 16 दिसंबर 2022 को दर्ज हुई थी. जबकि घटना 10 नवंबर 2022 की बताई गई है. उनका यह भी कहना था कि इतने विलंब से मामले की एफआईआर होना भी कई शक पैदा करता है. अब इस मामले में 15 फरवरी को हाईकोर्ट की एकल पीठ में सुनवाई होगी. कोर्ट ने सरकारी वकील को निर्देशित किया है कि वह पुलिस के लैपटॉप या उसके किसी संसाधन में ही इस वीडियो को देखें और उसे किसी मोबाइल या अन्य उपकरण में संग्रहित ना करें.

महिला ने खुद बनाया अपने साथ हुए रेप का वीडियो

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी के जमानत पर विचार करने के बाद पुलिस को निर्देशित किया है कि वह सरकारी वकील को कथित दुष्कर्म का वीडियो दिखाए. लेकिन इस वीडियो का कहीं भी ट्रांसफर नहीं किया जाए. दरअसल, ग्वालियर के बिलौआ थाना क्षेत्र में रहने वाली एक विवाहिता ने जितेंद्र बघेल नामक व्यक्ति पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है. महिला ने यह भी कहा है कि जब उसके साथ दुष्कर्म हो रहा था, तब उसने घटना का गुपचुप तरीके से वीडियो भी बनाया था. यह बात पुलिस की एफआईआर में भी आई है.

घर में घुसकर रेप की धाराओं में केस दर्ज : पुलिस ने उस वीडियो को भी महिला से जब्त किया था. महिला की शिकायत के बाद आरोपी जितेन्द्र बघेल के खिलाफ घर में घुसकर रेप करने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था और उसे जेल भेज दिया गया था. उसने हाईकोर्ट में अपनी जमानत के लिए आवेदन लगाया है. लेकिन हाई कोर्ट जज अतुल श्रीधरण ने इस पर आश्चर्य जताया. उन्होंने कहा कि जब दुष्कर्म की घटना होती है तो पीड़िता द्वारा उसका विरोध किया जा सकता है. लेकिन कोई दुष्कर्म पीड़िता इसका वीडियो खुद कैसे बना सकती है.

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सरकारी वकील को निर्देश : हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को निर्देशित किया है कि वह इस मामले का परीक्षण करें कि पीड़ित महिला से बरामद पेन ड्राइव अथवा सीडी रेप की पुष्टि करती है अथवा महिला द्वारा स्वेच्छा से आरोपी जितेंद्र बघेल के साथ रिश्ते बनाए गए. इस मामले में आरोपी जितेंद्र बघेल की वकील संगीता पचौरी का कहना है कि महिला के पति और जितेंद्र के बीच कुछ पैसों के लेनदेन का विवाद था. लेकिन जितेंद्र को पति-पत्नी ने मिलकर रेप के केस में झूठा फंसा दिया. यह घटना बिलौआ थाने में 16 दिसंबर 2022 को दर्ज हुई थी. जबकि घटना 10 नवंबर 2022 की बताई गई है. उनका यह भी कहना था कि इतने विलंब से मामले की एफआईआर होना भी कई शक पैदा करता है. अब इस मामले में 15 फरवरी को हाईकोर्ट की एकल पीठ में सुनवाई होगी. कोर्ट ने सरकारी वकील को निर्देशित किया है कि वह पुलिस के लैपटॉप या उसके किसी संसाधन में ही इस वीडियो को देखें और उसे किसी मोबाइल या अन्य उपकरण में संग्रहित ना करें.

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