ग्वालियर। पूर्व मंत्री एवं विधायक जयवर्धन सिंह पर हरियाणा के एक ठेकेदार ने अपहरण और मारपीट का आरोप लगाया है. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पानीपत के रहने वाले विशंभर लाल अरोरा का आवेदन स्वीकार कर राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह को पक्षकार बनाया है. जयवर्धन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे हैं. अब इस मामले में सुनवाई 21 अप्रैल को होगी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रामकृष्ण पाठक ने यहां बताया कि उनके मुवक्किल विशंभर लाल अरोड़ा को 2015-16 में गुना के विजयपुर की एन एफ एल फैक्ट्री में लेबर सप्लाई का काम मिला था. कुछ लेबर द्वारा लापरवाही बरतने पर उन्हें नौकरी से हटाया गया था.
जयवर्धन के कहने पर मजदूरों का अपहरण : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का है यह भी कहना है कि विधायक जयवर्धन सिंह के कहने पर इन लोगों ने विशंभर लाल अरोड़ा का अपहरण किया और उसे राघौगढ़ किले में ले गए. याचिका में बताया गया है कि विधायक जयवर्धन सिंह के कहने पर कुछ लोगों ने उनका अपहरण किया था और उनके राघौगढ़ किले में अकेले में ले जाकर जयवर्धन सिंह की मौजूदगी में जमकर मारपीट की गई. लेबर सप्लायर विशंभर लाल अरोड़ा ने यह भी आरोप लगाया है कि जयवर्धन ने उन्हें धमकाते हुए उनके कहे मुताबिक काम करने की चेतावनी दी थी.
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विधायक पर मामला दर्ज करने की मांग: इस मामले में लेबर सप्लायर विशंभर लाल अरोड़ा ने गुना के विजय नगर थाने में रिपोर्ट लिखाई लेकिन पुलिस ने विधायक जयवर्धन सिंह को आरोपी नहीं बनाया. इसके खिलाफ विशंभर लाल अरोड़ा ने गुना न्यायालय में आवेदन लगाकर आरोपियों में जयवर्धन सिंह का नाम जोड़ने की गुहार लगाई लेकिन, वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली. थक हारकर विशंभर लाल अरोड़ा ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी जिस पर कोर्ट ने विधायक को पक्षकार बनाया है. लेबर सप्लायर के अधिवक्ता रामकृष्ण पाठक का कहना है कि सभी आरोपियों के खिलाफ अपहरण और मारपीट का मुकदमा भी दर्ज किया जाए, यह उनकी कोर्ट से मांग रहेगी.