ग्वालियर। एमपी हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनावी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की गई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं की ओर से हाई कोर्ट में 3 आवेदन लगाए गए हैं. पहला आवेदन उनका अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी द्वारा सिंधिया की ओर से पैरवी किए जाने के संबंध में था.
वकालतनामा लिया वापस: मामले को लेकर जबलपुर के सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ ने बताया कि एडिशनल एडवोकेट जनरल अंकुर मोदी का वकालतनामा वापस ले लिया गया है. अब वे ही इस मामले में पैरवी करेंगे. इसके अलावा दो आवेदनों में सिंधिया के राज्यसभा सदस्य के रूप में नामित होने से पहले भरे गए नामांकन के शपथ पत्र में जानकारी छुपाने के आरोप लगाए गए हैं. धारा 340 के तहत याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने बताया कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया को अपने खिलाफ दर्ज मामले की जानकारी थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर इसे छुपाया. यह अपराध की श्रेणी में आता है.
नोटिस जारी होने की उम्मीद: याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं का कहना है कि इस आवेदन को कोर्ट ने सुना है और अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. वे न्यायालय के फैसले का इंतजार करेंगे. उन्हें इस मामले में अनावेदक को नोटिस जारी होने की पूरी उम्मीद है. कोर्ट के एक आदेश में अनावेदक के खिलाफ इश्यू फ्रेम होने की बात कही गई है.
नेता प्रतिपक्ष की मांग: याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने इस मामले में न्यायालय से स्पष्टता जाहिर करने की मांग की है. अब इस मामले पर सुनवाई अगले महीने 5 अप्रैल को होगी. आपको बता दें कि एमपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने सिंधिया के खिलाफ चुनावी याचिका ग्वालियर हाई कोर्ट में दायर की है. इसमें उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को नामांकन भरते समय छुपाया है, इसलिए उनका चुनाव शून्य घोषित किया जाए.