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आदेश की अवहेलना पर हाईकोर्ट नाराज, कहा- बारिश का मौसम है NH-92 के दोनों ओर पौधरोपण करें

ग्वालियर-इटावा नेशनल हाईवे-92 के निर्माण को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ ने सरकार को वृक्षारोपण को लेकर आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि बारिश के सीजन में पौधरोपण किया जाए.

gwalior high court bench
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ
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Published : Jul 23, 2021, 6:28 AM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ग्वालियर-इटावा नेशनल हाईवे-92 के निर्माण को लेकर सरकार को आदेश दिया है कि हाईवे के दोनों ओर वृक्षारोपण बारिश के इस सीजन में किया जाए. दरअसल, करीब एक दशक पहले ग्वालियर-इटावा हाईवे का निर्माण किया गया था. इस दौरान यहां बड़ी संख्या में मौजूद रहे पेड़ों को काट दिया गया था, लेकिन उनके स्थान पर निर्माणकर्ता एजेंसी ने दूसरे पेड़ नहीं लगाए थे.

नोटिस के बावजूद नहीं लगे पेड़
इसे लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने पूर्व में केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए थे और उनसे जवाब मांगा था. याचिका में कहा गया था कि निर्माणकर्ता एजेंसी ने सालों पुराने पेड़ों को काट दिया. इनके स्थान पर नए पेड़ लगाए जाने थे. नियमानुसार एक बड़े पेड़ को काटने के एवज में 25 नए पेड़ लगाने होते हैं, लेकिन एक लाख पेड़ काटने के बावजूद यहां पर्याप्त संख्या में पेड़ नहीं लगाए गए. नियमानुसार इनकी संख्या करीब 25 लाख होना थी.

14 साल से जेल में बंद फौजी को HC ने किया दोषमुक्त, उम्रकैद की हुई थी सजा

हाईकोर्ट ने कहा है कि इस समय मानसून का सीजन है. सड़क के दोनों ओर पर्याप्त मात्रा में वृक्षारोपण किया जाए. इस सीजन में लगाए गए पेड़ जल्दी ही फल फूल सकते हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को वृक्षारोपण संबंधी विस्तृत रिपोर्ट के साथ जवाब पेश करने को कहा है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ग्वालियर-इटावा नेशनल हाईवे-92 के निर्माण को लेकर सरकार को आदेश दिया है कि हाईवे के दोनों ओर वृक्षारोपण बारिश के इस सीजन में किया जाए. दरअसल, करीब एक दशक पहले ग्वालियर-इटावा हाईवे का निर्माण किया गया था. इस दौरान यहां बड़ी संख्या में मौजूद रहे पेड़ों को काट दिया गया था, लेकिन उनके स्थान पर निर्माणकर्ता एजेंसी ने दूसरे पेड़ नहीं लगाए थे.

नोटिस के बावजूद नहीं लगे पेड़
इसे लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने पूर्व में केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए थे और उनसे जवाब मांगा था. याचिका में कहा गया था कि निर्माणकर्ता एजेंसी ने सालों पुराने पेड़ों को काट दिया. इनके स्थान पर नए पेड़ लगाए जाने थे. नियमानुसार एक बड़े पेड़ को काटने के एवज में 25 नए पेड़ लगाने होते हैं, लेकिन एक लाख पेड़ काटने के बावजूद यहां पर्याप्त संख्या में पेड़ नहीं लगाए गए. नियमानुसार इनकी संख्या करीब 25 लाख होना थी.

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हाईकोर्ट ने कहा है कि इस समय मानसून का सीजन है. सड़क के दोनों ओर पर्याप्त मात्रा में वृक्षारोपण किया जाए. इस सीजन में लगाए गए पेड़ जल्दी ही फल फूल सकते हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को वृक्षारोपण संबंधी विस्तृत रिपोर्ट के साथ जवाब पेश करने को कहा है.

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