ग्वालियर। कोविड-19 के दौर में मरीजों की देखभाल करने वाले चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ को शासन द्वारा योद्धा के रूप में सम्मानित किया जा रहा है. लेकिन ग्वालियर के स्वास्थ्य विभाग में आई कोरोना योद्धा की सूची में ऐसे कर्मचारियों और चिकित्सकों के नाम हैं जिनमें कुछ की मौत हो चुकी है, तो कुछ को रिटायर हुए 2 साल हो चुके हैं.
क्या है मामला
स्वास्थ्य विभाग ने एक साल पहले आई कोरोना महामारी से लड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले अपने चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को योद्धा के रूप में सम्मानित करने का फैसला किया है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों एक ऐसी सूची योद्धा सम्मान के लिए जारी कर दी, जिसमें कई चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ कर्मचारी महामारी से पहले ही रिटायर हो चुके हैं. जबकि कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है.
ऐसे हुई गलती
दरअसल स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण कोरोना संक्रमण फैलने से पहले की स्टाफ की सूची वेबसाइट से उठा ली गई है. जिसमें चिकित्सक, नर्स हेल्पर और दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ के नाम हैं.
लिस्ट में जल्द होगा सुधार
ग्वालियर में 22 मार्च से लॉकडाउन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसके लिए कोरोना वायरस का इलाज करने के लिए कोविड-19 विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई गई थी. कई चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ ने उम्मीद से बढ़कर 24 घंटे तक काम किया है, इसलिए उन्हें योद्धा का सम्मान दिए जाने का फैसला किया गया था. ग्वालियर में आई सूची में हुई गलती को लेकर स्वास्थ्य विभाग अब लिस्ट में सुधार करने की बात कह रहा है.