ग्वालियर। आज पूरे मध्यप्रदेश में अपनी मांगों को लेकर सभी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, ऐसे में अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं. वहीं, ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में इलाज न मिलने के कारण एक मरीज ने दम तोड़ दिया. मरीज के परिजनों का आरोप है कि मरीज पिछले 15 दिनों से अस्पताल में भर्ती था, लेकिन बीती रात से डॉक्टरों ने देखना बंद कर दिया और इस कारण आज उनकी मौत हो गई.
युवक को नहीं मिला इलाज: बता दें कि डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का सबसे ज्यादा असर अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में आने वाले मरीजों पर पड़ रहा है. मरीजों को इलाज न मिलने के कारण उनकी जान पर संकट है. ऐसे में ग्वालियर के 1000 बिस्तर वाले अस्पताल में अमर सिंह बाथम नाम का यह मरीज पिछले 15 दिन से भर्ती था, मरीज को सांस की तकलीफ थी. मरीजों के परिजनों का कहना है कि अमर की हालत में लगातार सुधार हो रहा था, लेकिन अचानक उनकी मौत हो गयी. परिजनों ने आरोप लगाया है कि ''बीती मंगलवार रात से कोई भी डॉक्टर उसे देखने के लिए नहीं आया और बुधवार को बताया गया कि सभी डॉक्टर हड़ताल पर हैं, इसलिए मरीज को सही तरीके से इलाज नहीं मिला और उसने दम तोड़ दिया.''
हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई: जयारोग्य अस्पताल में मरीज की मौत के मामले में जब अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ से बातचीत की तो उनका कहना है कि ''अस्पताल में यह सामान्य घटना है. किसी न किसी बीमारी से रोज तीन चार मरीजों की मौत होती है. हड़ताल से अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं आई है.'' मध्य प्रदेश के सभी डॉक्टरों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह खराब हो गई है. जयारोग्य अस्पताल में आयुष विभाग के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को देखा जा रहा है. साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज नर्स स्टाफ सहित जूनियर डॉक्टरों के द्वारा इलाज किया जा रहा है.
अनिश्चित कालीन हड़ताल पर शासकीय डॉक्टर: सीहोर जिले के आष्टा में सरकारी अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों का आभाव है. वहीं आज बुधवार को काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य स्टाफ भी अपनी मांगों को लेकर पहले से ही हड़ताल पर हैं. मध्य प्रदेश राज्य चिकित्सा महासंघ के आह्वान पर इस प्रकार का कदम उठाया गया है.
जिसको लेकर एक ज्ञापन बीएमओ डॉक्टर एसके माहवार को सौंपते हुए अपनी मांगों को जल्द से पूरी करने की बात कही है.