ग्वालियर। जिले में अड़ीबाजी कर दतिया के सट्टेबाजों से रुपए वसूलने वाले एसआई मुकुल यादव, क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक राहुल यादव और आरक्षक विकास तोमर पर अब 10-10 हजार का इनाम घोषित किया गया है. तीनों कहां है, इसकी भनक पुलिस को चार दिन बाद भी नहीं लगी है. वसूलीकांड की जांच के लिए एसआइटी की टीम गठित की गई है. 23 लाख रुपए को छिपाने में इस्तेमाल बैंक खातों की संख्या 12 सामने आ चुकी है. इसकी जांच के लिए पुलिस की टीम राजस्थान और गुजरात रवाना की गई है.
तीन पुलिसकर्मियों ने वसूले करीब 23 लाख रुपए: दरअसल सिरोल थाना क्षेत्र के एमके सिटी के फ्लैट में बीते दिनों शनिवार की देर रात क्रिकेट मैच पर ऑनलाइन सट्टा खिला रहे सट्टेबाजों से डरा धमकाकर गन प्वाइंट पर पैसे वसूले गए थे. गोला का मंदिर थाना में पदस्थ एसआई मुकुल यादव, क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक राहुल यादव और आरक्षक विकास तोमर ने 23 लाख 15 हजार वसूलने के बाद अपने बैंक खातों में ये पैसे डलवाए थे. जहां से सिरोल थाना पुलिस ने 15 सट्टेबाजों को गिरफ्तार कर 31 मोबाइल, 2 लैपटॉप और 2 करोड़ का हिसाब किताब जब्त किया था. तब पता चला था कि तीन पुलिस कर्मियों ने सट्टेबाजों से 23 लाख रुपए वसूल किए हैं.
पुलिसकर्मियों पर ईनाम घोषित: इस बात की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लगी तो इसकी जांच कराई गई, जिसमें साबित हो गया कि तीनों पुलिस कर्मियों ने रुपए वसूल किए हैं. उससे पहले ही इस बात की भनक पुलिसकर्मियों को लगी, तो वह अंडर ग्राउंड हो गए. एसपी के आदेश पर तीनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. जब उनकी तलाश की तो कुछ भी पता नहीं चल सका. जिसके बाद एसपी राजेश सिंह चंदेल ने 5 दिन बाद एसआई मुकुल यादव, प्रधान आरक्षक राहुल यादव और आरक्षक विकास तोमर पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया. जांच में यह भी पता चला है जिन जिन बैंक खातों में वसूली का पैसा भेजा गया है, उनकी संख्या 12 है. इसके साथ ही वसूली कांड की जांच के लिए सीएसपी हिना खान के निर्देशन में एसआइटी टीम गठित कर फरार तीनों पुलिस कर्मियों की तलाश ओर तेज कर दी है.
पैसों का इस्तेमाल 12 अलग बैंक खातों में: वहीं एएसपी ऋषिकेश मीणा ने बताया है कि "रुपए वसूलने वाले एसआई मुकुल यादव, क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक राहुल यादव और आरक्षक विकास तोमर पर अब 10-10 हजार का इनाम किया गया है. तीनों कहां हैं पुलिस को चार दिन बाद भी उनकी भनक नहीं है. वसूलीकांड की जांच के लिए एसआइटी की टीम गठित की गई है. 23 लाख रुपए को छिपाने में इस्तेमाल बैंक खातों की संख्या 12 सामने आ चुकी है. जिसकी जांच की जा रही है.