ग्वालियर। ग्वालियर के विशेष सत्र न्यायालय ने रतलाम के बीजेपी नेता विवेक पोरवाल का जमानत आवेदन खारिज कर दिया है. जिले के मोहना थाने में विवेक पोरवाल और तीन अन्य लोगों के खिलाफ 19 क्विंटल डोडा चूरा की तस्करी का आरोप है. इस मामले में 3 फरवरी को रतलाम जिले के ढोढर से बीजेपी नेता विवेक पोरवाल को ग्वालियर पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
रतलाम बीजेपी नेता को भी बनाया गया आरोपी: जमानत आवेदन में विवेक पोरवाल ने न्यायालय में सफाई दी थी कि उसे धारा 27 के तहत की गई नशे के सौदागरों से हुई पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था. जबकि उसका इस प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है. पुलिस ने झूठे सबूत जुटाकर उसके खिलाफ कार्रवाई की है. इस मामले में अपर लोक अभियोजक धर्मेंद्र शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 1900 किलो डोडा चूरा बरामद किया था. इस सिलसिले में ट्रक ड्राइवर संदीप सिंह तोमर राम नारायण सिंह तोमर और बृजेश सिंह सिकरवार को मौके से गिरफ्तार किया गया था. इनसे हुई पूछताछ में रतलाम के बीजेपी नेता विवेक पोरवाल को भी आरोपी बनाया गया था.
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जांच में जुटी पुलिस: पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया था. जहां से 3 दिन की रिमांड मिलने के बाद उसे पुलिस को सौंप दिया गया था. बाद में उसे जेल भेज दिया गया था. अब इस मामले की जांच जिले की घाटी गांव पुलिस कर रही है. डोडा चूरा की यह खेप नागालैंड के दीमापुर से उत्तर प्रदेश के आगरा होते हुए इंदौर जा रही थी, लेकिन शिवपुरी ग्वालियर जिलों की सीमा पर इसे मुखबिर की सूचना पर पकड़ लिया था. भाजपा नेता विवेक पोरवाल ने आरोपी बृजेश सिकरवार के खाते में अपने अकाउंट से पैसे भी ट्रांसफर किए थे. उसकी भूमिका मध्यस्थ की बताई जाती है. पूछताछ में भी उसमें कुछ रतलाम के तस्करों के नाम भी पुलिस को बताए हैं. इस बीच रतलाम के बीजेपी जिला अध्यक्ष ने पोरवाल को सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया है. एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई होने के बाद रतलाम बीजेपी जिला अध्यक्ष ने यह कार्रवाई की है.