ग्वालियर। यह देश की दूसरी और रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत पहली प्रयोगशाला होगी. इस लैब में खतरनाक जीवों पर अनुसंधान कार्य और भविष्य में होने वाली आपदाओं के बारे में पता लगाने का कार्य किया जाएगा. बताया जा रहा है कि यह लैब 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी. इस लैब से ग्वालियर का देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में नाम रोशन होगा.
लैब की सुरक्षा के होंगे तीन लेयर : DRDE की BSL-4 लैब की सुरक्षा को लेकर काफी चाक-चौबंद व्यवस्था रहेगी. इसकी सुरक्षा तीन लेयर में होगी. क्योंकि इस लैब में जिन सूक्ष्म जीवों का अनुसंधान होगा, वह बहुत ही खतरनाक होंगे. किसी तरह वहां से कोई वायरस बाहर निकला तो यह हवा के साथ कोहराम मचा सकता है. लैब की सुरक्षा के लिए 140 एकड़ परिसर में लगभग 500 मीटर की दूरी पर वॉच टॉवर का निर्माण किया जाएगा. इसमें लगभग 100 से अधिक वॉच टॉवर लगाए जाएंगे.
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नागरिक सम्मान तथा रातापानी-औबेदुल्लागंज-इटारसी फोरलेन राजमार्ग एवं #DRDE ग्वालियर की लेबोरेटरी (BSL-4) का वर्चुअली शिलान्यास। #Bhopal https://t.co/1fPQCNPvDh
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— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) November 15, 2022नागरिक सम्मान तथा रातापानी-औबेदुल्लागंज-इटारसी फोरलेन राजमार्ग एवं #DRDE ग्वालियर की लेबोरेटरी (BSL-4) का वर्चुअली शिलान्यास। #Bhopal https://t.co/1fPQCNPvDh
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100 टॉवर्स से निगरानी : वहीं इन टॉवर्स पर सशस्त्र बल के जवान अत्याधुनिक हथियारों के साथ सुरक्षा के लिए 24 घंटे निगरानी करेंगे. बताया जा रहा है किया लैब अमेरिका, रूस और चीन के समान होगी. ऐसी आधुनिक सुविधाओं वाली लैब अभी भारत में कोई नहीं है. अभी देश में पुणे स्थित बायोलॉजिकल लैब ही सबसे आधुनिक है. लेकिन इस लैब में उपकरण काफी पुराने हैं. ग्वालियर की नई लैब अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे और वैज्ञानिक साथी विशेष अनुसंधान करने वाले अधिकारी सुरक्षित सूट पहनकर ही प्रवेश कर सकेंगे. लैब में हवा और प्रकाश का भी प्रवेश नहीं होगा.