ग्वालियर। शिंदे की छावनी की रहने वाली राजकुमारी राजपूत के चेहरे पर आज दस साल बाद खुशी देखने को मिली है. उनकी भू माफिया द्वारा कब्जाई गई. जमीन को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने मुक्त कराने के बाद रात को रजिस्ट्रार खुलवा कर उनकी रजिस्ट्री करवाई है. ये ग्वालियर में पहली बार हुआ है. (land mafia in gwalior)
भू-माफिया के खिलाफ ग्वालियर प्रशासनः जिले में एंटी माफिया कार्रवाई चरम पर है. लगातार भू-माफिया और अपराधियों के सरकारी भूमि पर बने मकान को ध्वस्त किया जा रहा है. भूमि को भी उनके कब्जे से छुड़ाया जा रहा है, लेकिन ग्वालियर प्रशासन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए एक महिला को बड़ी राहत दी है. दरअसल, शिंदे की छावनी इलाके में रहने वाली राजकुमारी राजपूत ने दस वर्ष पूर्व ज्ञानसिंह यादव से बहोड़ापुर में ढाई लाख रुपए में एक प्लॉट लिया था. इस पर ज्ञानसिंह ने कब्जा कर लिया और दूसरे व्यक्ति को बेच दिया. (gwalior collector released land)
कलेक्टर से लगाई थी गुहारः कब्जे की शिकायत राजकुमारी ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से की. पीड़िता की गुहार पर कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ज्ञान सिंह यादव को प्लॉट वापस करने के आदेश दिए. वहीं रजिस्ट्रार को भी रात को कार्यालय पहुचकर राजकुमारी के नाम प्लॉट की रजिस्ट्री करने के निर्देश दिए. रात में लगभग 8 बजे रजिस्टर ऑफिस पहुंचा और उसके बाद रजिस्ट्री कराई. (gwalior administration)
राजकुमारी ने इस कार्रवाई के लिए कलेक्टर और जिला प्रशासन को को धन्यवाद दिया है. वहीं कलेक्टर का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के मुताबिक कमजोर लोगों को न्याय मिले. इसके लिए एंटी माफिया मुहिम जारी रहेगी. प्रशासन की इस कार्रवाई से गरीब कमजोर वर्ग में भरोसा जागा है.