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कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर दर्ज होगी FIR, हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दिए निर्देश

ग्वालियर खंडपीठ ने विधानसभा उपचुनाव कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जिला प्रशासन, राजनैतिक दल और सभी आम खास को दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक दल आने वाले विधानसभा उपचुनाव में कोरोना गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करें और यदि इसका उल्लंघन पाया जाता है तो महामारी अधिनियम के तहत सभी संबंधितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकेगी. पढ़िए पूरी खबर....

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Published : Oct 3, 2020, 9:52 PM IST

Gwalior Bench of High Court
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने विधानसभा उपचुनाव कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जिला प्रशासन, राजनैतिक दल और सभी आम खास को दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक दल आने वाले विधानसभा उपचुनाव में कोरोना गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करें, यदि इसका उल्लंघन पाया जाता है तो महामारी अधिनियम के तहत सभी संबंधितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकेगी.

गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर दर्ज होगी एफआईआर

पिछले एक महीने से ग्वालियर चंबल अंचल में विभिन्न राजनीतिक आयोजन हो रहे हैं. जहां उपचुनाव को लेकर बैठक रैलियों और आम सभाओं का दौर जारी है. इसे लेकर ग्वालियर के अजय प्रताप सिंह ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. उन्होंने कहा है कि कोविड-19 की गाइडलाइन का जमकर मखौल राजनीतिक दलों द्वारा उड़ाया जा रहा है. जिला प्रशासन भी राजनीतिक प्रभाव के चलते अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है.

इसके बाद न्याय मित्रों की एक टीम हाईकोर्ट के निर्देश पर बनाई गई थी. न्याय मित्रों ने कई वीडियो और फोटोग्राफ्स हाईकोर्ट में उपलब्ध कराएं, जिसमें कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन साफ तौर पर देखा गया था. हाईकोर्ट ने ग्वालियर सहित शिवपुरी, दतिया, मुरैना, भिंड के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए तलब किया था. कोर्ट ने एमिकस क्यूरी से भी सवाल जवाब किए और गाइडलाइन का पालन कराने संबंधी सलाह भी मांगी थी.

कोर्ट में दर्ज कराएं शिकायत

हाईकोर्ट ने इस मामले में कुछ बिंदुओं पर अंतरिम आदेश पारित किया है. कोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक दल कोरोना काल में चुनाव आयोग द्वारा स्थापित दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें. राजनीतिक दल चुनाव प्रचार की पारंपरिक साधनों और आयोजनों से बचें. उसकी जगह वो इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों का उपयोग कर वर्चुअल मीटिंग ले सकते हैं. कोर्ट ने कहा है कि यदि कहीं 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ किसी राजनीतिक आयोजन में दिखाई देती है, तो जिला प्रशासन, न्याय मित्र अथवा कोई भी जागरूक व्यक्ति उसकी शिकायत प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के माध्यम से कोर्ट में दर्ज करा सकता है और पुलिस में भी संबंधित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने विधानसभा उपचुनाव कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जिला प्रशासन, राजनैतिक दल और सभी आम खास को दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक दल आने वाले विधानसभा उपचुनाव में कोरोना गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करें, यदि इसका उल्लंघन पाया जाता है तो महामारी अधिनियम के तहत सभी संबंधितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकेगी.

गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर दर्ज होगी एफआईआर

पिछले एक महीने से ग्वालियर चंबल अंचल में विभिन्न राजनीतिक आयोजन हो रहे हैं. जहां उपचुनाव को लेकर बैठक रैलियों और आम सभाओं का दौर जारी है. इसे लेकर ग्वालियर के अजय प्रताप सिंह ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. उन्होंने कहा है कि कोविड-19 की गाइडलाइन का जमकर मखौल राजनीतिक दलों द्वारा उड़ाया जा रहा है. जिला प्रशासन भी राजनीतिक प्रभाव के चलते अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है.

इसके बाद न्याय मित्रों की एक टीम हाईकोर्ट के निर्देश पर बनाई गई थी. न्याय मित्रों ने कई वीडियो और फोटोग्राफ्स हाईकोर्ट में उपलब्ध कराएं, जिसमें कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन साफ तौर पर देखा गया था. हाईकोर्ट ने ग्वालियर सहित शिवपुरी, दतिया, मुरैना, भिंड के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए तलब किया था. कोर्ट ने एमिकस क्यूरी से भी सवाल जवाब किए और गाइडलाइन का पालन कराने संबंधी सलाह भी मांगी थी.

कोर्ट में दर्ज कराएं शिकायत

हाईकोर्ट ने इस मामले में कुछ बिंदुओं पर अंतरिम आदेश पारित किया है. कोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक दल कोरोना काल में चुनाव आयोग द्वारा स्थापित दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें. राजनीतिक दल चुनाव प्रचार की पारंपरिक साधनों और आयोजनों से बचें. उसकी जगह वो इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों का उपयोग कर वर्चुअल मीटिंग ले सकते हैं. कोर्ट ने कहा है कि यदि कहीं 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ किसी राजनीतिक आयोजन में दिखाई देती है, तो जिला प्रशासन, न्याय मित्र अथवा कोई भी जागरूक व्यक्ति उसकी शिकायत प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के माध्यम से कोर्ट में दर्ज करा सकता है और पुलिस में भी संबंधित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी.

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