ग्वालियर। पिछले डेढ़ महीने से चल रहे लॉकडाउन के कारण गरीब तबका बुरी तरह से परेशान है. लॉकडाउन ने उसका काम धंधा छीन लिया है. मजदूरी भी बंद है, लेकिन सरकार का दावा है कि उसने गरीब लोगों और निम्न मध्यमवर्गीय लोगों को राशन मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. यह राशन अधिकांश लोगों के पास नहीं पहुंचा है जिसके कारण वह चोरी छुपे काम धंधा करने के लिए मजबूर हैं. वहीं जनप्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार अपनी तरफ से लोगों को मदद पहुंचा रही है. लेकिन शहर के समाजसेवी और स्वयंसेवी संस्थाएं भी लोगों की मदद करने के लिए आगे आए, क्योंकि सारे कम सरकार के भरोसे नहीं हो सकते हैं.
गौरतलब है कि ग्वालियर में प्रदेश के अन्य शहरों की तरह ही 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू लागू है लोगों को खरीदारी के लिए सुबह 9 बजे तक का ही समय दिया जा रहा है लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिनके पास सामान खरीदने के लिए पैसे भी नहीं है. ऐसे लोगों के लिए सरकार का दावा है कि उसने 3 महीने का राशन भिजवाने की व्यवस्था की है. वहीं केंद्र सरकार ने भी जरूरतमंदों को राशन और नगदी भिजवाने की घोषणा की है लेकिन सभी लोगों तक मदद नहीं पहुंची है.
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सब्जी बेचने वाले युवक ने कहा कि सरकारी राशन सभी को नहीं मिल रहा है. दूसरा पुलिस भी परेशान कर रही है. घर में खाने को कुछ नहीं है. वहीं ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि सरकार हर व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकती, इसलिए वे समाजसेवी और गणमान्य लोगों से आम लोगों की मदद करने की अपील कर रहे हैं उनका कहना है कि लोगों को इस विपत्ति की घड़ी में आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए.