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पुलिसकर्मी से जीडीए कर्मचारी ने ली थी रिश्वत, कोर्ट ने सुनाई सजा

ग्वालियर में एक पुलिस कर्मचारी को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, जिस पर कोर्ट ने उसे 4 साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.

GDA employee took bribe from policeman
पुलिसकर्मी से जीडीए कर्मचारी ने ली रिश्वत
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Published : Mar 15, 2020, 12:30 PM IST

Updated : Mar 15, 2020, 1:33 PM IST

ग्वालियर। जिले में 5 हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले एक पुलिस कर्मचारी को विकास प्राधिकरण के लिपिक कोर्ट ने 4 साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है और साथ ही उस पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. बता दें की पुलिस कर्मचारी ने ये रिश्वत एक प्लॉट के नामांकन के हस्तांतरण की अनुमति के एवज में मांगी थी.

पुलिसकर्मी से जीडीए कर्मचारी ने ली थी रिश्वत

दरअसल जुलाई 2016 में पुलिस कांस्टेबल संजय द्विवेदी ने विनय नगर सेक्टर 2 में स्थित एक प्लॉट की नामांकन हस्तांतरण की अनुमति देने के लिए जीडीए के भूखंड शाखा में तैनात विजय दुबे से संपर्क किया था और उससे अनुमति दिलाने की गुहार लगाई थी. लेकिन उससे 13,650 रुपए के शुल्क के स्थान पर लिपिक ने 26,000 रुपए की मांग की और इसकी शिकायत लिपिक कॉन्स्टेबल ने लोकायुक्त एसपी से की. वहीं योजना के मुताबिक 15 जुलाई 2016 को जीडीए कार्यालय में ही 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

वहीं लिपिक विजय दुबे के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया था, जहां उस पर भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के मामले सिद्ध पाए गए और कोर्ट ने उसे 4 साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया जिसके बाद आरोपी लिपिक को सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.

ग्वालियर। जिले में 5 हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले एक पुलिस कर्मचारी को विकास प्राधिकरण के लिपिक कोर्ट ने 4 साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है और साथ ही उस पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. बता दें की पुलिस कर्मचारी ने ये रिश्वत एक प्लॉट के नामांकन के हस्तांतरण की अनुमति के एवज में मांगी थी.

पुलिसकर्मी से जीडीए कर्मचारी ने ली थी रिश्वत

दरअसल जुलाई 2016 में पुलिस कांस्टेबल संजय द्विवेदी ने विनय नगर सेक्टर 2 में स्थित एक प्लॉट की नामांकन हस्तांतरण की अनुमति देने के लिए जीडीए के भूखंड शाखा में तैनात विजय दुबे से संपर्क किया था और उससे अनुमति दिलाने की गुहार लगाई थी. लेकिन उससे 13,650 रुपए के शुल्क के स्थान पर लिपिक ने 26,000 रुपए की मांग की और इसकी शिकायत लिपिक कॉन्स्टेबल ने लोकायुक्त एसपी से की. वहीं योजना के मुताबिक 15 जुलाई 2016 को जीडीए कार्यालय में ही 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

वहीं लिपिक विजय दुबे के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया था, जहां उस पर भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के मामले सिद्ध पाए गए और कोर्ट ने उसे 4 साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया जिसके बाद आरोपी लिपिक को सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.

Last Updated : Mar 15, 2020, 1:33 PM IST
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