ग्वालियर : शहर के उपनगर मुरार थाना क्षेत्र में एक दलित नाबालिग के साथ गैंगरेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उसके और परिजनों के साथ मारपीट भी की है साथ ही मुकदमा दर्ज नहीं कराने के लिए दबाव भी बनाया है. हालांकि किसी तरह एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर के हस्तक्षेप के बाद दलित उत्पीड़न और गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया.
पीड़िता के बयान किए गए दर्ज
पीड़िता को कड़ी पुलिस अभिरक्षा में सोमवार देर शाम एडीजे कोर्ट में पेश किया गया. जहां उसके 164 के तहत बयान दर्ज किए गए, जो सीलबंद लिफाफे में सीजेएम कोर्ट के लिए भेज दिए गए हैं. नाबालिग को मुरार पुलिस की अभिरक्षा में नहीं जाने और उस पर उत्पीड़न की शिकायत के बाद सीजेएम कोर्ट ने लड़की को सीएसपी मुरार आरएन पचौरी के हवाले कर दिया है. खास बात यह है कि घटना के 24 घंटे बाद भी पीड़िता का मेडिकल नहीं हो सका है, जबकि एफआईआर रविवार देर रात हो चुकी थी. पता चला है कि पीड़िता अपने परिवार के साथ किराए में रहती थी. लेकिन इसी दौरान उनका नाती अपने दोस्त के साथ कमरे में घुस गए और नाबालिग से रेप किया.
मकान मालिक ने परिजनों को धमकाया
मकान मालिक को मामले की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता और उसके परिजनों को धमकाया गया. लेकिन लड़की और उसके परिजन थाने पहुंच गए. जहां एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह मामला दर्ज हो सका. पीड़िता ने थाना प्रभारी अजय सिंह पवार और अन्य स्टाफ पर मारपीट का आरोप लगाया है. शासकीय अधिवक्ता ने भी लड़की के बयानों की पुष्टि की है उनका कहना है कि लड़की ने स्पष्ट तौर पर मुरार पुलिस पर उत्पीड़न के सनसनीखेज आरोप लगाए हैं.