ग्वालियर। एक एनआरआई के सगे भाई ने फर्जी पिता का वसीयतनामा बनवाकर 80 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है. घटना विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय की है. ठगी का खुलासा उस समय हुआ जब आरोपी ने मां को घर से निकाल दिया और दूसरा एनआरआई बेटा उनकी मदद के लिये आया, तब पता चला कि उसके पिता के फ्लैट को आरोपी ने बेच डाला है. मामले का पता चलते ही वह थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की. वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है.
फ्रांस की एक कंपनी में मैनेजर है पीड़ित
शहर के जीवाजीगंज के रहने वाले मृदुल जैन एनआरआई है. फ्रांस की एक कंपनी में मैनेजर है. यहां पर उनके भाई और माता-पिता रहते हैं. कुछ समय पहले पिता नेमीचंद का देहांत हो गया था. लेकिन कुछ दिनों बाद मृदुल को जानकारी मिली कि उनके भाई सुमेर चंद्र जैन ने मां को घर से निकाल दिया है. इसका पता चलते ही वह फ्रांस से इण्डिया आये और मां की मदद करने के लिए नोएडा में फ्लैट को बेचने के लिए पहुंचे, जिससे जो रुपए मिले वह मां के लिए घर तथा कुछ पूंजी जमा कराई जा सके.
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फर्जी वसीयतनामे के साथ धोखाधड़ी
जब वह नोएडा स्थित लैट पर पहुंचे तो वहां पर एक नया किराएदार रहता मिला और उसने बताया कि यह लैट तो कुछ माह पहले ही उनके मकान मालिक ने खरीदा है. इसका पता चलते ही उन्होंने जानकारी जुटाई तो पता चला कि उनके नाम से यह लैट बेचा गया है. इसका पता चलते ही उन्होंने अन्य जानकारी जुटाई तो पता चला कि उनके बडे भाई सुमेर ने फर्जी पिता की वसीयतनामा बनवाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया है. मामला सामने आते ही मृदुल जैन ने अपने भाई के खिलाफ विश्वविद्यालय थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर सुमेर की तलाश शुरू कर दी है.