ग्वालियर। शहर में नकली प्लाज्मा चढ़ाने के चलते दतिया के कारोबारी मनोज गुप्ता की मौत हो गई, जिसकी जानकारी लगते ही पूर्व मंत्री लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने सीबीआई जांच कराने की मांग की है. पूर्व मंत्री का कहना है कि यह बहुत गंभीर मामला है, सीबीआई जांच के बाद ही पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सकता है.
जानें पूरा मामला
दरअसल, दतिया के कारोबारी मनोज गुप्ता कोरोना से संक्रमित थे, उन्हें तीन दिसंबर को ग्वालियर के प्रेम नगर स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर प्लाज्मा लाने के लिए परिवारजनों को कहा गया था. परिवारवालों ने तत्काल अजय शंकर त्यागी से 18 हजार रुपए में प्लाज्मा खरीद लिया था, जो मरीज मनोज गुप्ता के लिए जानलेवा साबित हुआ. जांच में पता चला कि यह प्लाज्मा ही नहीं था, बल्कि नकली प्लाज्मा मरीज को चढ़ा दिया गया था.
दी गई फर्जी रसीद
कोरोना संक्रमित व्यापारी मनोज तिवारी का इलाज प्लाज्मा थैरेपी के जरिए किया जा रहा था. इस दौरान अपोलो अस्पताल की ओर से मरीज के लिए प्लाज्मा की मांग की गई. इसके बाद जब परिवारवालों ने प्लाज्मा की बात की, तो एक कर्मचारी ने एक नंबर देकर प्लाज्मा मुहैया कराने की बात कही.
जब परिजनों ने उस पर कॉल किया तो आरोपी ने प्लाज्मा की कीमत 18 हजार रुपए बताई. यहां तक की यह भी कहा गया कि प्लाज्मा जेएएच (Jaya Arogya Hospital) से मुहैया कराया गया है. साथ ही अस्पताल की फर्जी रसीद भी दी गई.
पूर्व मंत्री ने लगाया आरोप
अब इस पूरे रैकेट को बेनकाब करने के लिए पूर्व मंत्री लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. उनका आरोप है कि अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों को पुलिस द्वारा बचाया जा रहा है, क्योंकि वह बड़े परिवार से ताल्लुक रखते हैं.