ग्वालियर : बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कुछ दिन पहले शराबबंदी पर यू टर्न लिया था, उन्होंने कहा था कि शराब और नशे के खिलाफ शिवराज, वीडी शर्मा भी उतने ही खिलाफ हैं जितनी मैं खिलाफ हूं. बस उनको इसी बात की दिक्कत है कि राजस्व की भरपाई कैसी होगी. लेकिन अब फिर उमा भारती अपने बयान से पलट गई हैं. उमा भारती ने कहा कि भाड़ में जाए राजस्व बंद करो ये सब.
'लोग भूख से मरते हैं, मर जाएं, राजस्व गया भाड़ में'
उमा भारती ने कहा कि मुझे शराब से इतनी नफरत है कि मेरा बस चले तो मैं शराबंदी कर दूं, लोग भूख मरते हैं तो मर जाएं, राजस्व गया भाड़ में बंद करो. उमा भारती ने दलील दी कि कोरोना में साबित हो गया शराब नहीं पीने से एक नहीं मरा. जैसे ही दुकानें खुलीं लोग मरना शुरू हो गए. इसका मतलब है कि शराब मृत्यु की कारक है, शराब बंद करना मृत्यु की कारक नहीं है.
मध्य प्रदेश में शराबबंदी पर ठंडे पड़े उमा भारती के तेवर
मैं शराबबंदी पर अभियान जरूर चलाऊंगी
उमा भारती ने कहा कि मैं ये अभियान जरूर चलाऊंगीं, ये मेरी आस्था है कि शराबबंदी हो. राममंदिर निर्माण में भी मेरी आस्था थी, लेकिन इसमें 30 साल लग गए थे. लेकिन शराबबंदी में सभी का समर्थन है और कम समय लगेगा. उमा भारती के मुताबिक इससे महिला ज्यादा प्रभावित होती हैं. क्योंकि गरीब वर्ग के लोग ही पीते हैं, दो नंबर की शराब, राजस्व भी एक नम्बर की शराब से मिलता है. यह बहुत विचारणीय विषय है, उमा भारती ने कहा कि वो बोल इसलिए पाई की शिवराज संस्कारशील और संस्कृतिवान व्यक्ति हैं, वीडी शर्मा भी हैं. दोनों ही बहुत अनुशासित व्यक्ति हैं.
शराबबंदी के लिए CM शिवराज से करूंगी बात : उमा भारती
शराबबंदी पर शिवराज से मिलने की उमा भारती ने कही थी बात
मुरैना में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद प्रदेश में शराब बंदी की भी मांग उठने लगी है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी शराबबंदी का समर्थन किया है. अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए सभी बीजेपी शासित राज्यों से मांग की है कि वह भी शराबबंदी की तरफ कदम बढ़ाए. ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर सरकार से बात करने की बात कही थी, उमा भारती ने कहा था कि सरकार ही शराब पिलाने का प्रबंध करती है. जैसे मां की जिम्मेदारी अपने बच्चे को पोषण करते हुए रक्षा करने की होती है. वहीं मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो सरकारी तंत्र द्वारा भी शराब दुकान खोलना ऐसा ही है. उमा भारती ने सरकार से सख्त लहजे में कहा था कि अगर मां ही बच्चे का मांस खाने लगे तो मैं उस मां को मां नहीं बल्कि कुमाता कहूंगी.
मध्य प्रदेश में कब तक 'मौत' बांटती रहेगी जहरीली शराब?
एक साल में MP में जहरीली शराब से 50 से ज्यादा मौतें
मध्यप्रदेश में पिछले एक साल के अंदर जहरीली और अवैध शराब के चलते मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. उज्जैन में जहरीली शराब से करीब 20 मौतों के बाद रतलाम में भी ऐसी घटना सामने आई थी. वहीं, हाल ही में मुरैना में 27 से ज्यादा लोग जहरीली शराब के कारण काल के गाल में समा गए हैं, इधर अब छतरपुर में 4 लोगों की मौत हो गई. उज्जैन और मुरैना घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सख्त कार्रवाई की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि प्रदेश में किसी कीमत पर अवैध शराब नहीं बिक पाएगी, लेकिन सरकार इस पर अंकुश लगाने में नाकाम नजर आई है.