ग्वालियर(Gwalior)। तलाक के 16 साल बाद भी महिला को अपने पति से भरण पोषण भत्ते अभी तक नहीं मिला है. कोर्ट के आदेश के बावजूद पति ने अभी तक एक रुपए भी महिला को भरण पोषण के लिए नहीं दिए है. महिला का कहना है कि पति पहले प्राइवेट नौकरी करता था अब वह सरकारी मुलाजिम हो चुका है और उसकी पगार भी 71 हजार रुपए प्रतिमाह है इसलिए उसे और उसके बेटे को भरण-पोषण के लिए 25 हजार रुपए हर महीना खर्च के लिए दिए जाए.
तलाक के 16 साल बाद भी नहीं मिला भरण पोषण
कोर्ट ने महिला के आवेदन पर उसके पति को नोटिस जारी किए हैं और उससे जवाब मांगा है. दरअसल थाटीपुर इलाके में रहने वाली सपना का विवाह 18 फरवरी 1999 को राम कुमार नामक युवक से हुआ था. रामकुमार उस समय किसी के यहां प्राइवेट नौकरी करता था. उसकी पगार भी ज्यादा नहीं थी शादी के कुछ समय बाद ही पति पत्नी में अलगाव होने लगा और बात आखिरकार 2005 में तलाक तक पहुंच गई. तलाक स्वीकार करते हुए कोर्ट ने महिला के पति राम कुमार को आदेश दिया था कि वह 1500 रुपए प्रतिमाह अपनी विवाहिता पत्नी को भरण-पोषण के लिए देगा.
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रोका हुआ भरण पोषण भत्ता दिलाने की मांग
खास बात यह है कि कोर्ट में तलाक के मामले के दौरान एक बार भी पति न्यायालय में के सामने पेश नहीं हुआ. जिसके बाद कोर्ट ने उसे नोटिस भी जारी किया है. आखिरकार कोर्ट ने एकतरफा आदेश जारी करते हुए तलाक को मंजूर किया और 1500 रुपए प्रतिमाह रामकुमार को देने के आदेश दिए.लेकिन रामकुमार ने महिला को एक रुपये भी नहीं दिया है. दोनों को एक संतान के रूप में लड़का है जो अब बालिग हो चुका है.महिला की परेशानी उस समय बढ़ जब उसके भाई का देहांत हो गया वह अपने भाई के साथ रहकर उसके ऊपर आश्रित थी. जब महिला की आर्थिक हालत खराब हो गई तब उसने अपने पति से भरण-पोषण के लिए अपना रुका हुए पैसे मांगे जो अब तकरीबन चार लाख रुपए हो चुका हैं. इसके अलावा उसने 25000 रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता मांगा है. कोर्ट ने महिला की याचिका पर उसके भोपाल में पदस्थ लैब टेक्नीशियन पति को नोटिस जारी किए हैं.