ग्वालियर। सीबीडीटी की रिपोर्ट में आईपीएस अधिकारियों के साथ नाम आने पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि उन्हें नहीं मालूम उनका नाम इस रिपोर्ट में कैसे आया है, लेकिन वह किसी भी जांच के लिए तैयार हूं. ऊर्जा मंत्री का कहना है कि इस मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच होना चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके.
इस्तीफे के सवाल पर बोले मंत्री
जयपुर दौरे से ग्वालियर पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान सीबीडीटी की रिपोर्ट में नाम आने पर इस्तीफे देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्तीफे का तो सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि उन्होंने कोई चंदा नहीं लिया है, और वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि उन्होंने हमेशा राजनीति में शुचिता बनाए रखने की वकालत की है और जांच एजेंसियों को वह हर तरह का सहयोग देने के लिए तैयार हैं.
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सीबीडीटी की रिपोर्ट में उर्जा मंत्री का नाम भी शामिल
सीबीडीटी की रिपोर्ट में उर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर का नाम भी शामिल है. इस रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, गिर्राज दंडोतिया सहित 5 दर्जन से ज्यादा लोगों के नाम शामिल बताए गए हैं. इनकम टैक्स रेड 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान डाली गई थी. जिसमें करोड़ों रुपए चंदे के रूप में जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों तक वसूलने के आरोप लगाए गए थे.
क्या है पूरा मामला?
लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के यहां पड़े छापों के मामलों में आयकर विभाग की एक सूची सामने आई है. इस सूची में 64 विधायकों के नाम और उनके आगे राशि लिखी हुई है. इसके अलावा कई विभागों के नाम भी इस लिस्ट में लिखे हुए हैं, लेकिन विभागों के मंत्रियों के नाम सूची में शामिल नहीं हैं. इसके अलावा कई कंपनियों और कारोबारियों के नाम भी इस सूची में शामिल है. जिनसे पैसा लिया गया था, तो वहीं 3 आईपीएस अधिकारियों के नाम के सामने 25-25 लाख रुपए लिखा हुआ है.
सूची में सरकारी विभागों के नाम, लेकिन मंत्रियों के नहीं
आयकर विभाग की जो सूची सामने आई है, उसमें कई सरकारी विभागों के नाम भी लिखे हुए हैं. जहां से पैसा आया था लेकिन इनके आगे विभागों के मंत्रियों के नाम नहीं लिखे हुए हैं, जिनमें खास तौर पर पीडब्ल्यूडी विभाग जिस के तत्कालीन मंत्री सज्जन सिंह वर्मा थे, इस विभाग के आगे 720 लाख रुपये लिखे गए हैं. तो वहीं नगरीय विकास एवं प्रशासन विभाग के तत्कालीन मंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह थे, इस विभाग के आगे भी राशि के रूप में 720 लाख रुपए लिखे गए हैं. इसके अलावा ऊर्जा विभाग का नाम भी इस सूची में शामिल है, लेकिन तत्कालीन मंत्री प्रियव्रत सिंह का नाम सूची में नहीं है. इस विभाग के आगे भी 100 लिखा गया है. वही पीएचई विभाग के आगे भी 100 लिखा हुआ है इस विभाग के तत्कालीन मंत्री सुखदेव पांसे थे.
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दिग्विजय सिंह समेत 64 लोगों से हो सकती है पूछताछ
कमलनाथ सरकार के समय इनकम टैक्स विभाग के छापों में जो दस्तावेज जब्त किए गए थे. उनमें कई बड़े चेहरों का खुलासा हुआ है. पहले ही चुनाव आयोग 3 आईपीएस अधिकारी और एक राज्य सेवा के अधिकारी के नामों का खुलासा कर चुकी है. तो वहीं अब इनकम टैक्स विभाग की एक सूची सामने आई है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सज्जन सिंह समेत 64 विधायक और नेता शामिल हैं. सूची में सभी विधायकों आईपीएस अफसरों और कारोबारियों के नाम के आगे राशि लिखी हुई है, जिसमें 3 आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी संजय माने और वी मधु कुमार के नाम के आगे 25-25 लाख रुपए की राशि लिखी हुई है.
एक रसीद में बिसाहूलाल सिंह के हस्ताक्षर हैं, जिसमें लिखा गया है कि 5 लाख रुपये चुनाव खर्च के लिए प्राप्त हुए. वहीं दस्तावेजों में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश कोषाध्यक्ष गोविंद सिंह के हस्ताक्षर के साथ ही अलग-अलग समय पर 3 करोड़ रुपए की राशि लिखी हुई है. इस मामले में जल्द ही ईओडब्ल्यू एफआईआर भी दर्ज कर सकता है, माना जा रहा है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद जल्द ही लेनदेन को लेकर पूछताछ की जा सकती है.
सूची में कंपनियों और कारोबारियों के नाम
आयकर विभाग की सूची में विधायकों नेताओं और विभागों के अलावा कंपनियों और कारोबारियों के नाम भी लिखे हुए हैं और उनके आगे राशि भी लिखी हुई है जिसमें शिवा माइनिंग, मोंटाना, डीजीयाना, नितिन रेड्डी, कार्निवल ग्रुप, पिओ अनिल , एम शिखरवार, सिंचाई टाटा, हिमांशू आरकेएम दिल्ली, प्रिज्म सीमेंट, वंडर सीमेंट, लखन तिवारी, एएमआर मोंटाना, एमपी बिरला, दिलीप रघुवंशी और राजेंद्र गुप्ता ट्राइडेंट का नाम शामिल है. इन सभी नामों के आगे 200 से लेकर 5850 तक कि राशि लिखी हुई है.
64 विधायको को बांटे गए 4.4 करोड़ रुपये
आयकर विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कि, लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा के संजीव सिंह और रामबाई समेत 64 विधायकों को 4.4 करोड़ रुपए बांटे गए थे. यह राशि 5 लाख रुपये से लेकर 75 लाख रुपये तक हैं. बताया जा रहा है कि, लोकसभा उम्मीदवारों को भी तीन करोड़ 20 लाख रुपए दिए गए थे. इसके अलावा जिन लोगों को पैसा पहुंचाया गया था,उनसे हस्ताक्षर के साथ जानकारी मांगी गई थी. इन लोगों ने लिखित में दिया था कि, पैसा पहुंच गया है. इनमें बिसाहूलाल सिंह, मधु भगत, राजाराम त्रिपाठी और संजीव कुशवाहा के साथ कई लोग शामिल हैं.
कलेक्शन के बाद यहां भेजा गया पैसा
अलग-अलग विभागों और कंपनियों समेत कारोबारियों से पैसा कलेक्शन करने के बाद कई स्थानों पर भेजा गया था. जिनमें दिल्ली में 18 करोड़, भोपाल में 40.50 करोड़, जबलपुर में 15 करोड़, ललित चालानी के पास 39.58 करोड़, धर्मास 11.50 करोड़, केके 3 करोड़ रुपये, एआईसीसी को भेजे गए 20 करोड़ रुपये.
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए इन नेताओं के है सूची में नाम
मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव से पहले कई कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इन नेताओं के नाम भी आयकर विभाग की सूची में शामिल हैं. जिनमें बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एंदल सिंह कंसाना, गिर्राज सिंह दंडोतिया, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सिरोलिया, प्रदुम लोधी, राहुल लोधी, नारायण सिंह पटेल, सुमित्रा देवी कासदेकर, मनोज चौधरी समेत बसपा के राम भाई और संजीव सिंह कुशवाह शामिल हैं.