ग्वालियर। लॉकडाउन का असर ईद के त्योहार पर भी पड़ा है. आमतौर पर ईद के कुछ दिन पहले से बाजार सज जाते हैं, चहल पहल नजर आने लगती है, लेकिन इस बार वो रौनक नजर नहीं आ रही. बाजार तो खुले हैं, लेकिन लोग उतनी ज्यादा खरीददारी नहीं कर रहे हैं. खाने-पीने के सामान और परिधान भी बाजार में ना के सामान ही दिखाई दे रहे हैं.
सेवइयां और फैनी विक्रेताओं का कहना है कि, लॉकडाउन होने के कारण सेवइयां बनाने वाले कारीगर इस बार बाहर से नहीं आ सके हैं. इसलिए ग्वालियर के प्रसिद्ध दाना होली में कुछ चुनिंदा दुकानदार ही फैनी बना सके हैं. दिन रात मेहनत करके स्थानीय दुकानदार 15 से 20 फीसदी तक ही माल की आपूर्ति कर सके हैं. उनके पास कच्चे माल की कमी और महंगाई के कारण ये स्थिति बनी है.
लंबे समय से चले आ रहे लॉकडाउन के कारण थोक बाजार भी बंद रहे हैं. इस कारण लोग कच्चा माल बाजार से नहीं खरीद सके. प्रशासन द्वारा तीन दिन पहले ही बाजार खोलेने की अनुमति मिली है. ऐसे में बाजार में महंगाई के कारण लोग पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल नहीं उठा सके. दुकानदार भी इस बार के पर्व को बेहद फीका बता रहे हैं.
गौरतलब है कि, हर साल ईद के मौके पर सेवइयां और फैनी की बिक्री बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन इस बार सिर्फ फैनी से ही लोगों को काम चलाना पड़ा है. दुकानदारों का कहना है कि, स्थानीय स्तर पर यहां से सेवइयों का उत्पादन नहीं होता है. बाहर से कारीगर अनुबंध के आधार पर यहां के दुकानदार बुलाते हैं, जो सेवइयां तैयार करने के लिए 15 दिन पहले ग्वालियर आ जाते थे. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण बाहर से आने वाले कारीगर नहीं आ सके हैं.