ग्वालियर। शहर की सफाई व्यवस्था पिछले 15 दिनों से ठप पड़ी है. नगर निगम और इकोग्रीन कंपनी के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा आम नागरिक भुगत रहे हैं. जिसको लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में इकोग्रीन के कर्मचारियों ने नई सड़क से निगम मुख्यालय तक रैली निकाली और नगर निगम का घेराव किया.
पैदल मार्च निकालने के बाद कर्मचारियों ने नगर निगम में प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें इको ग्रीन कंपनी ने रखा था. वह नगर निगम का कचरा प्रबंधन और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम कर रहे हैं. उनका आरोप है कि कंपनी उन्हें कभी भी हटा देती है. इको ग्रीन कंपनी ने नगर निगम से कचरा कलेक्शन का अनुबंध किया हुआ है, लेकिन एक पखवाड़े से कचरा कलेक्शन न के बराबर हो रहा है.
कर्मचारियों का कहना है कि हम काम करना चाहते हैं, बशर्ते नगर निगम हमें अपना कर्मचारी घोषित कर दे. लेकिन कमीशन की लालच में अधिकारी ऐसा नहीं कर रहे हैं.
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शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं. नगर निगम और कंपनी के बीच चल रहे विवाद और कर्मचारियों से विवाद के चलते स्थिति और बिगड़ती जा रही है. CITU (Centre of Indian Trade Unions) की मांग है कि इकोग्रीन के कर्मचारी को निगम अपना कर्मचारी मानते हुए उन्हें कलेक्टर रेट पर भुगतान कराए. साथ ही उन्हें निगम में मर्ज किया जाए, और जिन कर्मचारियों को कोरोना काल में हटाया गया है, उन्हें वापस लिया जाए. फिलहाल निगम का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों से मिलने नहीं आया है, इकोग्रीन के कर्मचारी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता निगम मुख्यालय पर बैठे हुए हैं.