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भारी बारिश से लबालब हुआ तिघरा डैम, लोगों को नहीं होगी पीने के पानी की समस्या

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Published : Sep 15, 2019, 1:21 PM IST

शहर में बारिश होने से तिघरा डैम लबालब भर गया है. इससे अब जिले भर में सिंचाई और पीने के पानी की समस्या लगभग एक साल के लिए खत्म हो चुकी है.

भारी बारिश से लबालब हुआ तिघरा डैम

ग्वालियर। शहर की करीब 18 लाख से ज्यादा आबादी के लिए तिघरा डैम लाइफ लाइन के रूप में जाना जाता है. पिछले 2 सालों से तिघरा लबालब होने के लिए तरस रहा था. इस बार हरसी बांध के जरिए लाए गए पानी से तिघरा बांध का लेवल एफटीएल को छूने वाला है. इस बांध के भर जाने से सिंचाई और पीने के पानी की समस्या लगभग 1 साल के लिए खत्म हो चुकी है.

भारी बारिश से लबालब हुआ तिघरा डैम

ग्वालियर शहर के करीब 115 साल पुराने इस डैम को भरने के लिए सिर्फ बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन पिछले कुछ समय से ककेटो पेहसारी और हरसी से पानी लाकर तिघरा को भरने का क्रम शुरू किया गया है इस डैम का फुल टैंक लेवल 740 फीट है. लेकिन उसे 739 फीट तक ही भरा जाता है उसके बाद गेट खोल दिए जाते हैं वर्तमान में इसका लेवल 737. 6 फीट हो गया है.

जल संसाधन विभाग के इंजीनियर लगातार तिघरा डैम के लेवल पर नजर रखे हुए है. उनका कहना है कि मानसून फिलहाल सक्रिय है और बारिश ऐसी ही रही तो तिघरा के गेट कभी भी खोलने पड़ सकते हैं. खास बात यह भी है कि तिघरा डैम के ऊपर बने ककेटो पेहसारी भी फुल टैंक लेवल के नजदीक पहुंच चुके हैं. इसलिए जिले भर में सिंचाई और पीने के पानी की समस्या लगभग एक साल के लिए खत्म हो चुकी है.

ग्वालियर। शहर की करीब 18 लाख से ज्यादा आबादी के लिए तिघरा डैम लाइफ लाइन के रूप में जाना जाता है. पिछले 2 सालों से तिघरा लबालब होने के लिए तरस रहा था. इस बार हरसी बांध के जरिए लाए गए पानी से तिघरा बांध का लेवल एफटीएल को छूने वाला है. इस बांध के भर जाने से सिंचाई और पीने के पानी की समस्या लगभग 1 साल के लिए खत्म हो चुकी है.

भारी बारिश से लबालब हुआ तिघरा डैम

ग्वालियर शहर के करीब 115 साल पुराने इस डैम को भरने के लिए सिर्फ बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन पिछले कुछ समय से ककेटो पेहसारी और हरसी से पानी लाकर तिघरा को भरने का क्रम शुरू किया गया है इस डैम का फुल टैंक लेवल 740 फीट है. लेकिन उसे 739 फीट तक ही भरा जाता है उसके बाद गेट खोल दिए जाते हैं वर्तमान में इसका लेवल 737. 6 फीट हो गया है.

जल संसाधन विभाग के इंजीनियर लगातार तिघरा डैम के लेवल पर नजर रखे हुए है. उनका कहना है कि मानसून फिलहाल सक्रिय है और बारिश ऐसी ही रही तो तिघरा के गेट कभी भी खोलने पड़ सकते हैं. खास बात यह भी है कि तिघरा डैम के ऊपर बने ककेटो पेहसारी भी फुल टैंक लेवल के नजदीक पहुंच चुके हैं. इसलिए जिले भर में सिंचाई और पीने के पानी की समस्या लगभग एक साल के लिए खत्म हो चुकी है.

Intro:ग्वालियर- ग्वालियर की लाइफलाइन यानी तिघरा बांध भरने के कगार पर है। पिछले 2 सालों से तिघरा लबालब होने के लिए तरस रहा था इस बार भले ही केचमेंट एरिया में पानी नहीं गिरा लेकिन हरसी बांध के जरिए लाए गए पानी से तिघरा बांध का लेवल एफटीएल को छूने वाला है ।प्रशासन का कहना है कि स्थिति ठीक रही तो 1 या 2 दिन में तिघरा के गेट खोलने पड़ सकते हैं।


Body:ग्वालियर शहर की करीब 18 लाख से ज्यादा आबादी के लिए तिघरा बांध लाइफ लाइन के रूप में जाना जाता है। करीब 115 साल पुराने इस बांध को भरने के लिए सिर्फ बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन पिछले कुछ समय से ककैटो पेहसारी और हरसी से पानी लाकर तिघरा को भरने का क्रम शुरू किया गया है इस बांध का फुल टैंक लेवल 740 फुट है। लेकिन उसे 739 फुट तक ही भरा जाता है उसके बाद गेट खोल दिए जाते हैं वर्तमान में इसका लेवल 737. 6फुट हो गया है।


Conclusion:जल संसाधन विभाग के इंजीनियर लगातार तिघरा बांध के लेबल पर नजर रखे हुए हैं उनका कहना है कि मानसून फिलहाल सक्रिय है और बारिश एक-दो दिन ऐसी ही रही तो तिघरा के गेट कभी भी खोलने पड़ सकते हैं खास बात यह भी है कि तिघरा बांध के ऊपर बने ककेटो पेहसारी भी फुल टैंक लेवल के नजदीक पहुंच चुके हैं। इसलिए जिले भर में सिंचाई और पेयजल की समस्या लगभग 1 साल के लिए खत्म हो चुकी है ।
बाइट राजेश चतुर्वेदी कार्यपालन यंत्री जल संसाधन ग्वालियर
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