ग्वालियर। नगर निगम के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा लोगों को शुद्ध पेयजल सप्लाई करने जैसा महत्वपूर्ण दायित्व है. लेकिन इस दायित्व की पोल खोलता एक मामला जिस तरह से उजागर हुआ है. उससे करीब 20,000 की आबादी वाले क्षेत्र में अजीबोगरीब डर व्याप्त हो गया है. क्योंकि जिस टंकी से उन्हें पानी सप्लाई होता था उसमें एक कुत्ते का कंकाल मिला है. पानी की टंकी का ढक्कन टूटा हुआ था. इस टंकी में कुत्ता कब और कैसे गिरा फिलहाल यह बात साफ नहीं हो सकी है. खास बात यह है कि सत्यनारायण की टेकरी पर स्थित बनाई गई इस टंकी से गेंडे वाली सड़क घोसीपुरा मोहल्ला झाड़ू वाला मोहल्ला खलासी मोहल्ला सत्यनारायण की टेकरी पर करीब 20000 घरों में पानी की सप्लाई होती है.
शहर के बीचों बीच सत्यनारायण की टेकरी पर जिस पानी की टंकी में कुत्ते का कंकाल मिला है. उस पानी की टंकी से पूरे इलाके के करीब 20 हजार घरों में पानी सप्लाई किया जाता था. इस इलाके के बाशिंदों के घर तक साफ पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर निगम ने उठा रखी है. लेकिन उन्हें क्या मालूम था, कि वह जिस पानी को साफ समझकर वह पी रहे हैं. वह असल में बहुत ही दूषित है.
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जानकारी के मुताबिक पानी की टंकी के ऊपर लगा ढक्कन टूटा हुआ था. जहां से कोई कुत्ता गिरकर मर गया होगा. लेकिन इन सबके बीच सवाल खड़ा होता है कि आखिरकार जिस नगर निगम पर शहर की जनता को साफ पानी पिलाने की जवाबदारी थी. क्या उनके कर्मचारी ठीक तरह से समय-समय पर टंकियों की सफाई नहीं करते हैं यह इस घटना से साबित हो गया है. अब देखना होगा कि इस दूषित पानी पीने से कहीं कोई बीमार तो नहीं हुआ है और जिन पर इसकी सफाई की जिम्मेदारी थी. उनके खिलाफ नगर निगम क्या कार्रवाई करता है.