ग्वालियर। अक्सर कोरोना संक्रमण काल में पहले से परेशान आम आदमी की हालत और ज्यादा आर्थिक रूप से गंभीर हो गई हैं. उनकी जांच और दवाईयों के भारी-भरकम खर्च के अलावा जीवन रक्षक उपकरणों में उन्हें काफी पैसा खर्च करना पड़ा हैं. ऐसे में अगर किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है और उसे दूसरे अस्पताल या शहर से बाहर भेजा जाता है, तो वेंटिलेटर एंबुलेंस नहीं होने के कारण उन पर आर्थिक रूप से भारी बोझ पड़ता था. लेकिन अब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को दो पोर्टेबल वेंटिलेटर मिल गए हैं. जिसके कारण अब जरुरतमंदों को इसकी सुविधा मिल पाएगी.
- हरि झंडी दिखाकर एंबुलेंस को किया रवाना
आम तौर पर निजी एंबुलेंस से दिल्ली के लिए शिफ्ट होने वाले मरीज को करीब पंचास हजार रुपए का एंबुलेंस चालक को भुगतान करना पड़ता था, लेकिन अब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को दो पोर्टेबल वेंटिलेटर मिल गए हैं. इनकी विधिवत पूजा अर्चना करके लोकार्पण किया गया और उन्हें 108 एंबुलेंस में स्थापित किया गया. इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अलावा 108 एंबुलेंस के नोडल अधिकारी आईपी निवारिया भी मौजूद थे. उन्होंने हरी झंडी दिखाकर इन एंबुलेंस को जिला चिकित्सालय के लिए रवाना किया.
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- गंभीर मरिजों को मिलेगी सुविधा
खास बात यह है कि वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस का इस्तेमाल गंभीर मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने में किया जाता है, जो बेहद गंभीर रहते हैं और कृत्रिम उपकरणों के सहारे ही सांसों की डोर को थामे रहते हैं. लंबे अरसे से वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस की मांग की जा रही थी. जिसके फलस्वरूप राज्य शासन ने परिवार स्वास्थ्य कल्याण के जरिए CMHO ऑफिस को यह एंबुलेंस उपलब्ध कराई है. इन वेंटीलेटर युक्त एंबुलेंस की कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बेहद जरूरत पड़ी थी.