ग्वालियर। जिले में डेंगू के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. हर दिन डेंगू के नए मरीज मिल रहे हैं. (Dengue in Gwalior) डेंगू ने इस बार नवजात शिशुओं से लेकर 15 साल तक के बच्चों को अधिक अपना शिकार बनाया है,लेकिन स्वास्थ्य विभाग का अमला शायद अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है. शहर में डेंगू की चपेट में सबसे अधिक बच्चे आ रहे हैं. इसकी वजह भी है कि बच्चों की जितनी लंबाई होती है, उसी उंचाई पर डेंगू का मच्छर अधिक अटैक करता है. ऐसे में बच्चों का पूरा शरीर यदि कपड़ों से नहीं ढंका है तो वे डेंगू मच्छर के आसानी से शिकार हो जाते हैं. इसलिए बच्चों को डेंगू से बचाने के लिए विशेष सुरक्षा बरतने व देखभाल करने की जरूरत है.
अस्पताल अधीक्षक का बयान: बढ़ते डेंगू के मरीजों को लेकर जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक का कहना है कि उनके पास सीधे डेंगू के मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन सामान्य मरीजों के अलावा बाल रोग विभाग में कोई बच्चे मरीज आते हैं तो उनका पूरी तरीके से इलाज किया जाता है. जिला अस्पतालों और डिस्पेंसरी में अन्य लोगों के इलाज की जिम्मेदारी है.
ग्वालियर में डेंगू ने पकड़ी रफ्तार, अबतक जिले में 600 से अधिक डेंगू के मरीज मिले
डेंगू होने की पुष्टि: ग्वालियर अंचल में अब तक 680 डेंगू के मरीजों में से 252 मरीज 15 साल से कम उम्र के बच्चे हैं और 16 साल से लेकर वृद्धावस्था के 428 डेंगू के मरीज अब तक मिले हैं. जिला अस्पताल मुरार और जीआरएमसी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में 57 सैंपल की जांच की गई. जांच में 23 मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है. इनमें ग्वालियर के 11 मरीज हैं. इसके अलावा 12 मरीज दूसरे जिलों के हैं। वही मुख्य और जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि डेंगू को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है यहां पर एक अलार्म पर रहा है वहां नगर निगम के द्वारा फागिंग का काम किया जा रहा है.