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गर्मी से बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक से मौत के मामले, अस्पताल में कम पड़ रहे हैं मरीजों के लिए बेड

भीषण गर्मी में एक ओर अस्पतालों में मरीजों की लाइन लगी है, तो वहीं दूसरी तरफ इस भीषण गर्मी में कई लोगों की जान चली गई. इस भयंकर गर्मी में हार्ट अटैक के केस बढ़ गए हैं.

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Published : Jun 11, 2019, 6:18 PM IST

भीषण गर्मी से बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले

ग्वालियर। इस साल गर्मी ने ग्वालियर चंबल अंचल में पिछले तीन दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिसका सबसे ज्यादा असर डायबिटीज, हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों पर पड़ रहा है. वहीं कार्डियक अरेस्ट से मौत के मामलों में भी इजाफा हुआ है.

भीषण गर्मी से बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले

जयारोग्य अस्पताल में पिछले 15 दिनों में लगभग 170 लोग भर्ती हुए हैं जिसमें से 14 लोगों की मौत हो गई है. इनमें से करीब 50 से ज्यादा मरीजों को पलंग नहीं होने के बावजूद भर्ती करना पड़ रहा है. अस्पताल में सिर्फ 32 पलंग जबकि वहां मरीजों की संख्या भर्ती मरीजों की संख्या से ऊपर पहुंच गई है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वो व्यवस्था न होने के बावजूद ऐसे मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इससे उनकी जान भी जा सकती है.

खास बात ये है कि यहां भर्ती होने वाले मरीजों में कार्डियक अरेस्ट से मरीजों की मौत हो रही है. डॉक्टर बताते हैं कि गर्मी से मानव शरीर के इलेक्ट्रोलाइट डिसबैलेंस हो जाते हैं, जिसके कारण उनमें घबराहट की शिकायत बढ़ जाती है. ऐसे में मरीज को तुरंत इलाज न होने से कई मरीजों की जान तक चले जाती है.

ग्वालियर। इस साल गर्मी ने ग्वालियर चंबल अंचल में पिछले तीन दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिसका सबसे ज्यादा असर डायबिटीज, हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों पर पड़ रहा है. वहीं कार्डियक अरेस्ट से मौत के मामलों में भी इजाफा हुआ है.

भीषण गर्मी से बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले

जयारोग्य अस्पताल में पिछले 15 दिनों में लगभग 170 लोग भर्ती हुए हैं जिसमें से 14 लोगों की मौत हो गई है. इनमें से करीब 50 से ज्यादा मरीजों को पलंग नहीं होने के बावजूद भर्ती करना पड़ रहा है. अस्पताल में सिर्फ 32 पलंग जबकि वहां मरीजों की संख्या भर्ती मरीजों की संख्या से ऊपर पहुंच गई है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वो व्यवस्था न होने के बावजूद ऐसे मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इससे उनकी जान भी जा सकती है.

खास बात ये है कि यहां भर्ती होने वाले मरीजों में कार्डियक अरेस्ट से मरीजों की मौत हो रही है. डॉक्टर बताते हैं कि गर्मी से मानव शरीर के इलेक्ट्रोलाइट डिसबैलेंस हो जाते हैं, जिसके कारण उनमें घबराहट की शिकायत बढ़ जाती है. ऐसे में मरीज को तुरंत इलाज न होने से कई मरीजों की जान तक चले जाती है.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर चंबल अंचल में इस साल गर्मी ने पिछले तीन दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ा है जो पहले से ही मधुमेह, हृदयाघात तथा हाई ब्लड प्रेशर के मरीज अस्पताल में रोजाना 60 मरीजों की ओपीडी हो रही है। हैरानी की बात यह है कि इनमें एक मरीज की प्रतिदिन मौत भी भीषण गर्मी के चलते हो रही है।


Body:दरअसल ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी विभाग में मरीज रोजाना करीब 60 से ज्यादा लोगों की ओपीडी की जा रही है इनमें से करीब 50 से ज्यादा मरीजों को पलंग नहीं होने के बावजूद भर्ती करना पड रहा है। ग्वालियर के जयारोग्य चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी विभाग में सिर्फ 32 पलंग जबकि वहां मरीजों की संख्या भर्ती मरीजों की संख्या 70 से ऊपर पहुंच गई है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वे व्यवस्था नहीं होने के बावजूद ऐसे मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते हैं। क्योंकि यह उनके लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है।


Conclusion:खास बात यह है कि यहां भर्ती होने वाले मरीजों में गंभीर रूप से कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित एक मरीज की रोजाना मौत हो रही है ।डॉक्टरों का कहना है कि भीषण गर्मी के चलते इन दिनों मानव शरीर के इलेक्ट्रोलाइट डिसबैलेंस हो जाते हैं जिसके कारण उनमें घबराहट की शिकायत बढ़ जाती है। ऐसे में मरीज को तुरंत उपचार नहीं मुहैया कराया जाता तो कभी-कभी उनके जीवन पर संकट भी गहरा जाता है । बाइट डॉक्टर अशोक मिश्रा... अधीक्षक एवं संयुक्त संचालक जयारोग्य चिकित्सालय ग्वालियर
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