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ईटीवी भारत की खबर का असर, 13 दिन बाद जॉर्डन से भारत लाया गया नवल राजपूत का शव

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Published : May 23, 2020, 9:08 AM IST

Updated : May 23, 2020, 12:17 PM IST

ईटीवी भारत की खबर का असर एक बार फिर से देखने को मिला है. ग्वालियर के रहने वाले नवल राजपूत का जॉर्डन में दिल का दौरान पड़ने से मौत हो गई, मृतक का परिवार शव को भारत लाने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहा था, इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया, आखिरकार 13 दिन के बाद नवल राजपूत का शव उनके घर पहुंचा. मृतक के परिवार ने ईटीवी भारत का आभार जताया है.

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ग्वालियर

ग्वालियर। ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ और शहर के एक व्यक्ति जिनकी जॉर्डन में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी, 13 दिन के बाद उनका शव भारत लाया जा सका. मृतक के बेटे को पिता का शव दिल्ली से लाने के लिए प्रशासन द्वारा एंबुलेंस मुहैया कराई गई. मृतक नवल किशोर का शव उनके घर ग्वालियर पहुंचा, जहां हिंदू रीति- रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. मृतक के परिवार ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाने पर ईटीवी भारत का आभार जताया है.

ईटीवी भारत की खबर का असर

दरअसल ग्वालियर की शिंदे की छावनी में रहने वाले नवल किशोर पिछले 12 साल से जॉर्डन में अकेले रहकर प्रायवेट कंपनी में नौकरी कर रहे थे और उनकी पत्नी रेखा राजपूत बेटा दीपक और अमन शिंदे की छावनी में रहते हैं. रविवार 10 मई को जॉर्डन में नवल राजपूत को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई, परिवार को मालूम चला, तो शव को भारत लाने के लिए 11 मई को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई, साथ ही विदेश मंत्रालय से बातचीत की.

जब उस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया, तो बड़ी मशक्कत के बाद प्रशासन ने अगले दिन दूतावास को मेल किया, करीब 13 दिन के इंतजार के बाद गुरुवार की दोपहर करीब 1 बजे मृतक नवल राजपूत का शव जॉर्डन से फ्लाइट के द्वारा इंडिया के लिए रवाना हुआ, रात करीब 3:00 बजे शव दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा. जहां से मृतक का बेटा एंबुलेंस की मदद से पिता के शव को लेकर ग्वालियर पहुंचा.

ग्वालियर। ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ और शहर के एक व्यक्ति जिनकी जॉर्डन में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी, 13 दिन के बाद उनका शव भारत लाया जा सका. मृतक के बेटे को पिता का शव दिल्ली से लाने के लिए प्रशासन द्वारा एंबुलेंस मुहैया कराई गई. मृतक नवल किशोर का शव उनके घर ग्वालियर पहुंचा, जहां हिंदू रीति- रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. मृतक के परिवार ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाने पर ईटीवी भारत का आभार जताया है.

ईटीवी भारत की खबर का असर

दरअसल ग्वालियर की शिंदे की छावनी में रहने वाले नवल किशोर पिछले 12 साल से जॉर्डन में अकेले रहकर प्रायवेट कंपनी में नौकरी कर रहे थे और उनकी पत्नी रेखा राजपूत बेटा दीपक और अमन शिंदे की छावनी में रहते हैं. रविवार 10 मई को जॉर्डन में नवल राजपूत को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई, परिवार को मालूम चला, तो शव को भारत लाने के लिए 11 मई को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई, साथ ही विदेश मंत्रालय से बातचीत की.

जब उस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया, तो बड़ी मशक्कत के बाद प्रशासन ने अगले दिन दूतावास को मेल किया, करीब 13 दिन के इंतजार के बाद गुरुवार की दोपहर करीब 1 बजे मृतक नवल राजपूत का शव जॉर्डन से फ्लाइट के द्वारा इंडिया के लिए रवाना हुआ, रात करीब 3:00 बजे शव दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा. जहां से मृतक का बेटा एंबुलेंस की मदद से पिता के शव को लेकर ग्वालियर पहुंचा.

Last Updated : May 23, 2020, 12:17 PM IST
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