ग्वालियर। इस समय शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. यही वजह है कि लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. इस को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. शासकीय और निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल के रूप में फिर से तब्दील कर दिया गया है.
बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अब की बार मरीजों के लिए तीन फेस में व्यवस्था की है, ताकि शहर में कोविड-19 के लिए बैड की कोई कमी न हों. वहीं 23 प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए कहा गया है, लेकिन प्राइवेट अस्पताल मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे है.
स्वास्थ्य विभाग ने जब इन निजी अस्पतालों से इलाज की सूची मांगी, तो अस्पतालों ने 10 दिन में भी सूची नहीं सौंपी. इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं कोरोना मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है.
तीन फेस में बेड की व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मरीजों के इलाज के लिए तीन फेस बनाई गई हैं. पहले फेस में 649 बेड उपलब्ध है. इसमें केवल अभी 80 मरीज भर्ती है. दूसरे फेस में 485 बैड उपलब्ध कराए जा रहे .हैं अगर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी, तो फेस तीन में स्वास्थ्य विभाग के पास 1000 बैड उपलब्ध है. इसके बाद 5-6 निजी अस्पतालों में 5000 से अधिक बैड आरक्षित है.
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आयुष्मान के हॉस्पिटलों में कोविड मरीजों के लिए बैड आरक्षित
जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनीष शर्मा का कहना है कि शहर में कोविद मरीजों के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी न हों, इसके लिए शहर के आयुष्मान अस्पतालों में 20 फीसदी बैड आरक्षित किए गए हैं. अगर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती है, तो किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आएगी. शहर में 23 निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड के लिए आरक्षित है. अगर आगे चलकर जरूरत पड़ी, तो निजी अस्पतालों को अधिग्रहण किया जायेगा.
किन-किन अस्पतालों में कितने बैड उपलब्ध
1. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल - 280
2. आयुर्वेदिक अस्पताल - 36
3. जिला अस्पताल - 75
4. मिलिट्री हॉस्पिटल - 60
5. केडीजे हॉस्पिटल - 40
6. कल्याण मल्टी स्पेशलिटी - 70
7. आरजेएन अपोलो हॉस्पिटल - 25
8. श्री कृष्ण हॉस्पिटल - 15
9. ग्लोबल हॉस्पिटल - 6
10. लोटस हॉस्पिटल - 25
11. लिंक हॉस्पिटल - 27
निजी अस्पताल की यह रेट लिस्ट
एक दिन का कोविड वार्ड का किराया - 11000
एसी ऑक्सीजन वार्ड - 14250
इसमें मेडिसन और जांच के लिए अलग से पैसे देने होते हैं. साथ ही वेंटिलेटर का चार्ज हर दिन का 4000 हजार रुपये से अधिक होता है.
सभी निजी अस्पतालों को रेट लिस्ट चस्पा करने के दिए निर्देश
जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनीष शर्मा ने सभी निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किए है कि कोविड-19 मरीज के इलाज के दौरान होने वाले खर्चे का विवरण और अपने अस्पताल पर चर्चा करें. मरीज के इलाज के दौरान कितना पैसा खर्च होता है, उसकी रेट लिस्ट हॉस्पिटल के बाहर चप्पा करें, ताकि कोई भी मरीज भ्रमित न हों. अगर किसी भी निजी अस्पताल के द्वारा कोविड-19 से पैसा वसूला जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.