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रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए कोटवार को कोर्ट ने माना निर्दोष, डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

सरकारी जमीन को खाते में चढ़ाने को लेकर पांच हजार रुपये की रिश्वत की मांग करने वाले कोटवार सीताराम सेन को जिला कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है साथ ही विवेचना अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

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Published : Oct 26, 2019, 1:22 AM IST

रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए कोटवार को कोर्ट ने माना निर्दोष

ग्वालियर। जिला कोर्ट की विशेष न्यायालय ने पट्टे धारी से पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले कोटवार सीताराम सेन को दोषमुक्त कर दिया है. कोर्ट ने ये फैसला विवेचना अधिकारी द्वारा कोटवार को लोक सेवक होने के सबूत न्यायालय में पेश नहीं कर पाने के कारण सुनाया है साथ ही विवेचना अधिकारी पर जांच के दायरे में आ गए है.

रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए कोटवार को कोर्ट ने माना निर्दोष

5 साल पहले 30 अप्रैल 2014 को पट्टा धारक जगन्नाथ सिंह ने सरकारी जमीन को खाते में चढ़ाने और कंप्यूटर में एंट्री कराने के लिए भितरवार तहसील में आवेदन दिया था, लेकिन कोटवार सीताराम सेन ने तहसीलदार और खुद के लिए रिश्वत की मांग की थी. पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए उसे लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था. जब इस मामले में कोर्ट में चालान पेश हुआ तो उसकी सेवा संबंधी रिकॉर्ड को विवेचना अधिकारी पूर्व डीएसपी कोर्ट में पेश नहीं कर सके. इसका कोटवार को लाभ मिला और कोर्ट ने उसे लोक सेवक नहीं माना.


खास बात ये भी है कि राजस्व विभाग की अपर सचिव किरण मिश्रा ने बिना सेवा पुस्तिका देखे अभियोजन की स्वीकृति दे दी. इसे भी कोर्ट ने गंभीर त्रुटि माना और प्रमुख सचिव राजस्व को उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. मामले में दो पूर्व डीएसपी सुरेंद्र राय शर्मा और आरबी शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं अपर सचिव राजस्व किरण मिश्रा भी जांच के दायरे में आ गई हैं. हालांकि लोकायुक्त पुलिस संगठन ने इस मामले में हाई कोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है.

ग्वालियर। जिला कोर्ट की विशेष न्यायालय ने पट्टे धारी से पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले कोटवार सीताराम सेन को दोषमुक्त कर दिया है. कोर्ट ने ये फैसला विवेचना अधिकारी द्वारा कोटवार को लोक सेवक होने के सबूत न्यायालय में पेश नहीं कर पाने के कारण सुनाया है साथ ही विवेचना अधिकारी पर जांच के दायरे में आ गए है.

रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए कोटवार को कोर्ट ने माना निर्दोष

5 साल पहले 30 अप्रैल 2014 को पट्टा धारक जगन्नाथ सिंह ने सरकारी जमीन को खाते में चढ़ाने और कंप्यूटर में एंट्री कराने के लिए भितरवार तहसील में आवेदन दिया था, लेकिन कोटवार सीताराम सेन ने तहसीलदार और खुद के लिए रिश्वत की मांग की थी. पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए उसे लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था. जब इस मामले में कोर्ट में चालान पेश हुआ तो उसकी सेवा संबंधी रिकॉर्ड को विवेचना अधिकारी पूर्व डीएसपी कोर्ट में पेश नहीं कर सके. इसका कोटवार को लाभ मिला और कोर्ट ने उसे लोक सेवक नहीं माना.


खास बात ये भी है कि राजस्व विभाग की अपर सचिव किरण मिश्रा ने बिना सेवा पुस्तिका देखे अभियोजन की स्वीकृति दे दी. इसे भी कोर्ट ने गंभीर त्रुटि माना और प्रमुख सचिव राजस्व को उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. मामले में दो पूर्व डीएसपी सुरेंद्र राय शर्मा और आरबी शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं अपर सचिव राजस्व किरण मिश्रा भी जांच के दायरे में आ गई हैं. हालांकि लोकायुक्त पुलिस संगठन ने इस मामले में हाई कोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर जिला कोर्ट की विशेष न्यायालय ने पट्टे धारी से 5000 की रिश्वत लेने वाले कोटवार सीताराम सेन को दोषमुक्त कर दिया है कोर्ट ने कोटवार को इस आधार पर दोषमुक्त किया है कि उसके लोक सेवक होने के प्रमाण विवेचना अधिकारी न्यायालय में पेश नहीं कर सके लेकिन लापरवाही बरतने वाले दो पूर्व डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए लोकायुक्त के आला अफसरों को लिखा गया है।


Body:दरअसल 5 साल पहले 30 अप्रैल 2014 को जगन्नाथ सिंह नामक पट्टा धारक में सरकारी जमीन को अपने खाते में चढ़ाने और कंप्यूटर में एंट्री कराने के लिए भितरवार तहसील में आवेदन दिया था। लेकिन कोटवार सीताराम सेन तहसीलदार और अपने लिए रिश्वत की मांग की थी 5000 की रिश्वत लेते हुए उसे लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था लेकिन जब इस मामले में कोर्ट में चालान पेश हुआ तो उसकी सेवा संबंधी रिकॉर्ड को विवेचना अधिकारी पूर्व डीएसपी कोर्ट में पेश नहीं कर सके। इसका कोटवार को लाभ मिला और कोर्ट ने उसे लोकसेवक नहीं माना।


Conclusion:खास बात यह भी है कि राजस्व विभाग की अवर सचिव किरण मिश्रा ने बिना सेवा पुस्तिका देखे अभियोजन की स्वीकृति दे दी ।इसे भी कोर्ट ने गंभीर त्रुटि माना और प्रमुख सचिव राजस्व को उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अब इस मामले में दो पूर्व डीएसपी सुरेंद्र राय शर्मा और आरबी शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं वहीं अवर सचिव राजस्व किरण मिश्रा भी जांच के दायरे में आ गई है हालांकि लोकायुक्त पुलिस संगठन ने इस मामले में हाई कोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है।
बाइट अरविंद श्रीवास्तव अधिवक्ता लोकायुक्त ग्वालियर
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