ग्वालियर। भोपाल में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद ग्वालियर में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है. स्मार्ट सिटी के अफसरों ने कर्नाटक की 'याना' स्मार्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर दिया था, जिसमें गड़बड़ी सामने आई है. स्मार्ट सिटी ने कंपनी को साइकिल खरीदने के लिए 2 करोड़ 40 लाख रूपए का अनुदान और हर महीने में मेंटेनेंस के लिए 12 लाख 90 हजार रुपए के साथ मुफ्त में जगह दे दी है.
बिना कुछ किए कंपनी को मुनाफा
स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन में याना कंपनी को शहर के अलग-अलग इलाकों में 50 साइकल स्टैंड के लिए जगह दी गई है. साथ ही सिटी में वर्कशॉप के लिए सेंटर सेट किया है. कंपनी ने बिना किसी पूंजी निवेश के स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन से मिली राशि से स्टैंड पर 500 साइकिल पार्क की है. साथ ही गोदाम में रिप्लेस के लिए 50 साइकिल रखी हैं. जिसका मतलब ये है की याना कंपनी के बिना कुछ किए ही इनकम पक्की है.
RTI से हुआ खुलासा, अधिकारी नकार रहे बात
आरटीआई में खुलासा हुआ है कि स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के बीच हुए 5 साल के एग्रीमेंट में भी गड़बड़ी है. वहीं नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन का कहना है कि ये योजना पीपीपी मॉडल पर नहीं है. बल्कि इसे व्यावाहरिक बनाने के लिए पीजीएफ मोड पर शुरू किया गया है. जबकि स्मार्ट सिटी ने जब टेंडर आमंत्रित किए थे, तब उसमें साफ तौर पर पीपीपी मॉडल पर टेंडर देने की बात कही थी.
250 करोड़ रु. के घोटाले की आशंका
लगभग 250 करोड़ के घोटाले की संभावना को देखते हुए भोपाल में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन डेवलपमेंट अथॉरिटी के दफ्तर पर 5 नवंबर को ईओडब्यू ने छापा मारकर रिकॉर्ड जप्त किया है. अब जब ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में इस तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं, तो हो सकता है आने वाले समय में ग्वालियर के अधिकारियों से भी पूछताछ की जाए.