ग्वालियर। बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर अपनी ही सरकार में लाचार महसूस कर रहे है. नारायण शेजवलकर ने 11 महीने में निगम कमिश्नर को 31 पत्र शहर विकास की योजनाओं को लेकर लिखें, जिसमें से एक पत्र का जवाब कमिश्नर ने देना मुनासिब नहीं समझा. अब सांसद ने कमिश्नर की शिकायत प्रमुख सचिव से कर दी है. आनन-फानन में अब निगम प्रशासक एक्शन में हैं.
ग्वालियर बीजेपी सांसद पर इन दोनों ब्यूरोक्रेसी हावी है. हालात यह है कि 20 जुलाई 2019 से लेकर 16 जून 2020 तक लोगों की मूलभूत सुविधाओं को लेकर सांसद ने निगम कमिश्नर संदीप माकन को 31 पत्र भेजे हैं. जिसमें से किसी एक पत्र का जवाब नहीं दिया गया है न हीं काम किया है. ऐसे में सांसद खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं.
ग्वालियर नगर निगम आयुक्त संदीप माकन को जो पत्र भेजे हैं, उनमें आम जनता से जुड़े मुद्दे शामिल हैं. जिसमें सड़क, पानी, बिजली, सफाई व्यवस्था के काम शामिल हैं. तो वहीं कुछ पत्रों में पार्क संसाधन, नए पाक बनाने, स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को बेहतर करने अमृत योजनाओं के तहत लाइन का जुड़ाव की बात कही है, लेकिन 31 पत्रों का जवाब सांसद विवेक शेजवलकर को नहीं मिला तो उन्होंने 31 पत्रों का बंच बनाकर फिर से कमिश्नर को भेजकर पत्रों की स्थिति जानने का आग्रह भी किया है, लेकिन फिर भी कोई जवाब नहीं आया.
ऐसे में अब सांसद ने अपने पत्र में गंभीर टिप्पणी करते नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव और निगम प्रशासन को पत्र लिखा है. ऐसे में देखना होगा कि इस पत्र के बाद सरकार कितनी एक्शन में आती है. क्योंकि ग्वालियर में बीजेपी के सांसद पर नगर निगम कमिश्नर फिलहाल भारी दिख रही है.