ग्वालियर। कोरोना का असर इस बार दशहरे पर भी पड़ा है. शहर की होने वाली प्रमुख रामलीला जो छत्री बाजार में होती है उसका भी आयोजन नहीं किया जा रहा है. प्रशासन ने भी इसकी अनुमति नहीं दी थी, क्योंकि यह रामलीला व्यापक स्तर पर होती है जिसमें रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते थे, वहीं गली मोहल्लों में होने वाली रामलीलाएं अभी बंद हैं. सोसाइटी और कॉलोनियों में भी इस बार लोगों ने रामलीला नहीं रखी है, इस कारण इसका असर विजयादशमी पर जलने वाले रावण की बिक्री पर भी पड़ा है.
सिर्फ 50 फीसदी बिक्री
रावण बनाकर बेचने वालों का कहना है कि इस बार उनकी बिक्री 50 फ़ीसदी से भी कम रह गई है, क्योंकि कॉलोनियों में सोसायटियो में और जो प्रमुख दशहरा मैदान है वहां पर रामलीला आयोजित नहीं की गई है. विजयदशमी पर्व को लोग सीमित और औपचारिक तरीके से अपने घरों में ही मना रहे हैं. वहीं लोग कम संख्या में रावण खरीदने आ रहे हैं. ऐसे में रावण बनाने वालों का नुकसान हो रहा है.
छतरी मैदान में इस बार नहीं रामलीला
शहर में मुरार और छतरी मैदान में दशहरे के आसपास रामलीला का आयोजन होता है. छतरी मैदान में इस बार रामलीला आयोजित नहीं की गई है तो मुरार में रामलीला आयोजन छोटे स्तर पर की जा रही है, जो दीपावली के बाद तक चलती है वहां रामलीला का आयोजन 2 दिन बाद शुरू होगा.