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रावण पुतले की बिक्री पर कोरोना का असर, आधे से भी कम रह गई बिक्री - Impact on the sale of Ravana in Gwalior

ग्वालियर में रावण बनाकर बेचने वाले इस बार कोरोना के चलते बिक्री को लेकर परेशान हैं, क्योंकि अभी तक उनके द्वारा बनाए रावण में से 50 प्रतिशत रावण भी नहीं बिके हैं.

Ravan in markets adorned for sale
बिक्री के लिए सजे बाजारों में रावण
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Published : Oct 25, 2020, 3:05 PM IST

ग्वालियर। कोरोना का असर इस बार दशहरे पर भी पड़ा है. शहर की होने वाली प्रमुख रामलीला जो छत्री बाजार में होती है उसका भी आयोजन नहीं किया जा रहा है. प्रशासन ने भी इसकी अनुमति नहीं दी थी, क्योंकि यह रामलीला व्यापक स्तर पर होती है जिसमें रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते थे, वहीं गली मोहल्लों में होने वाली रामलीलाएं अभी बंद हैं. सोसाइटी और कॉलोनियों में भी इस बार लोगों ने रामलीला नहीं रखी है, इस कारण इसका असर विजयादशमी पर जलने वाले रावण की बिक्री पर भी पड़ा है.

Ravan in markets adorned for sale
बिक्री के लिए सजे बाजारों में रावण

सिर्फ 50 फीसदी बिक्री

रावण बनाकर बेचने वालों का कहना है कि इस बार उनकी बिक्री 50 फ़ीसदी से भी कम रह गई है, क्योंकि कॉलोनियों में सोसायटियो में और जो प्रमुख दशहरा मैदान है वहां पर रामलीला आयोजित नहीं की गई है. विजयदशमी पर्व को लोग सीमित और औपचारिक तरीके से अपने घरों में ही मना रहे हैं. वहीं लोग कम संख्या में रावण खरीदने आ रहे हैं. ऐसे में रावण बनाने वालों का नुकसान हो रहा है.

Ravan in markets adorned for sale
बिक्री के लिए सजे बाजारों में रावण

छतरी मैदान में इस बार नहीं रामलीला

शहर में मुरार और छतरी मैदान में दशहरे के आसपास रामलीला का आयोजन होता है. छतरी मैदान में इस बार रामलीला आयोजित नहीं की गई है तो मुरार में रामलीला आयोजन छोटे स्तर पर की जा रही है, जो दीपावली के बाद तक चलती है वहां रामलीला का आयोजन 2 दिन बाद शुरू होगा.

ग्वालियर। कोरोना का असर इस बार दशहरे पर भी पड़ा है. शहर की होने वाली प्रमुख रामलीला जो छत्री बाजार में होती है उसका भी आयोजन नहीं किया जा रहा है. प्रशासन ने भी इसकी अनुमति नहीं दी थी, क्योंकि यह रामलीला व्यापक स्तर पर होती है जिसमें रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते थे, वहीं गली मोहल्लों में होने वाली रामलीलाएं अभी बंद हैं. सोसाइटी और कॉलोनियों में भी इस बार लोगों ने रामलीला नहीं रखी है, इस कारण इसका असर विजयादशमी पर जलने वाले रावण की बिक्री पर भी पड़ा है.

Ravan in markets adorned for sale
बिक्री के लिए सजे बाजारों में रावण

सिर्फ 50 फीसदी बिक्री

रावण बनाकर बेचने वालों का कहना है कि इस बार उनकी बिक्री 50 फ़ीसदी से भी कम रह गई है, क्योंकि कॉलोनियों में सोसायटियो में और जो प्रमुख दशहरा मैदान है वहां पर रामलीला आयोजित नहीं की गई है. विजयदशमी पर्व को लोग सीमित और औपचारिक तरीके से अपने घरों में ही मना रहे हैं. वहीं लोग कम संख्या में रावण खरीदने आ रहे हैं. ऐसे में रावण बनाने वालों का नुकसान हो रहा है.

Ravan in markets adorned for sale
बिक्री के लिए सजे बाजारों में रावण

छतरी मैदान में इस बार नहीं रामलीला

शहर में मुरार और छतरी मैदान में दशहरे के आसपास रामलीला का आयोजन होता है. छतरी मैदान में इस बार रामलीला आयोजित नहीं की गई है तो मुरार में रामलीला आयोजन छोटे स्तर पर की जा रही है, जो दीपावली के बाद तक चलती है वहां रामलीला का आयोजन 2 दिन बाद शुरू होगा.

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