ग्वालियर। वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे दुनिया में कोहराम मचा दिया है. कोरोना से देशभर की आर्थिक स्थिति बुरी तरह से प्रभावित हुई है. फैक्ट्री से लेकर उद्योग और व्यापारी से लेकर किसान तक सभी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मानव जीवन में एकदम बदलाव देखने को मिला है, लेकिन इस कोरोना महामारी के चलते समाज के अंदर कई ऐसे बदलाव देखने को मिले हैं. जो शायद लोगों को के लिए कहीं न कहीं शुभ संकेत भी हो सकते हैं.
बदल गई तस्वीर
देश में कोरोना ने मानव जीवन के जीने के तरीके को पूरी तहर से बदल दिया है. देश में अप्रैल से जून तक शादी समारोह का कार्यक्रम होता है, लेकिन इस साल ज्यादातर कार्यक्रम कैंसिल हो गए. और जो हुए भी, उनकी तस्वीर इतिहास के पन्नों में कैद हो गई है. कोरोना काल में इन शादियों में सबसे अलग रूप देखने को मिला है. जहां महामारी के चलते अब लोग शादी में सीमित पैसा खर्च कर रहे हैं, जो लोग शादी में बेफिजूल 10 लाख लेकर 50 लाख तक पैसे खर्च करते थे और हजारों लोगों को निमंत्रण करते थे, आज सीमित हो चुके हैं. सिर्फ अपने परिवार और रिश्तेदारों को बुलाकर ही शादी समारोह को संपन्न करा रहे हैं. इससे सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जो गरीब तबके के लोग हैं वह समाज के दबाव के चलते वह अपने बच्चियों की शादी में लाखों रुपए खर्च करके कर्ज के नीचे दब जाते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया निरंतर ऐसे ही चलती रही तो इस समाज में बड़ा बदलाव भी देखने को मिल सकता है.
एकजुट हुआ परिवार
इस कोरोना महामारी के चलते कई परिवारों की तस्वीर ऐसी सामने आई थी, जो कई सालों से एकजुट नहीं हुए थे, लेकिन इस कोरोना के चलते पूरा परिवार एकजुट देखने को मिला है. कई परिवार ऐसे थे जो सालों से दूर-दूर रहते थे. वह परिवार इस कोरोना काल में एकजुट दिखाई दिए. ऐसे परिवार कई सालों से दूर दूर रह रहे थे और एक या दो दिन के लिए शादी समारोह में शामिल होने के लिए आते थे, लेकिन इस कोरोना काल में वह लंबे समय तक एकजुट हुए.
हाथ मिलाने की जगह नमस्ते
कोरोना काल में समाज में कई ऐसे बदलाव हुए हैं. जो भारतीय संस्कृति के अनुसार बहुत जरूरी है. लोग विदेशी कल्चर को अपनाकर भारतीय संस्कृति को धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं, जिसमें से एक हाथ मिलाना भी विदेशी संस्कृति में आता है, लेकिन इस कोरोना काल में भारत के लोग ही नहीं बल्कि विदेश में भी भारतीय संस्कृति नमस्ते को अपना रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति से लेकर पूरा विश्व इस समय एक दूसरों से हाथ मिलाने के बजाए नमस्ते कर लोगों का स्वागत कर रहे हैं.
स्वच्छता पर विशेष ध्यान
इस कोरोना काल मे लोग स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. हालांकि लोग पहले भी स्वच्छता पर ध्यान देते थे, लेकिन अब इस दौर में व्यक्ति स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रहा है वह अपने आसपास बिल्कुल गंदगी नहीं रखना चाह रहा है. साथी जब घर पहुंचता है तो वह अपने हाथ जरूर धोता है. इससे खुद के साथ-साथ अपने पूरे परिवार को भी बीमारियों से दूर रखता है.
डॉक्टर सुनील अग्रवाल का संदेश
जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सुनील अग्रवाल का कहना है कि कोरोना की वजह से सामाजिक स्तर पर स्वास्थ्य को लेकर कई बदलाव देखने को मिले हैं. जो आगे चलकर कारगर साबित हो सकते हैं, क्योंकि अब लोग हाथ मिलाने की जगह नमस्कार कर रहे हैं. जिससे मानव से मानव में फैलने वाले इन्फेक्शन को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
कोरोना से पहले समाज में ऐसे कई बदलाव देखने को मिले हैं, जो सामाजिक स्तर पर बदलने की कोशिश हो रही थी. लेकिन इस कोरोना काल में लोग अपने आप बदलाव कर रहे हैं. अगर यह बदलाव कोरोना के बाद भी निरंतर जारी रहता है, तो यह समाज में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, और कहीं ना कहीं भारतीय संस्कृति भी पूरी तरह से मजबूत होगी.