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कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन,राज्यपाल लालजी टंडन हुए शामिल

ग्वालियर स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में खेतों में बढ़ते रसायनिक उर्वरकों को लेकर प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने की चिंता जाहिर की.

राजमाता कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन
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Published : Oct 22, 2019, 11:38 PM IST

ग्वालियर। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार को दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने खेतों में बढ़ते रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा है कि रसायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से लोगों में कई तरह की बीमारियां फैल रही है.

कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन

दीक्षांत समारोह में छात्रों के संबोधित करते हुए प्रदेश के राज्यपाल ने कहा कि पहले खेती करने के लिए जैविक खाद का प्रयोग किया जाता था, जिससे जमीन उपजाऊ बनी रहती थी, लेकिन रसायन खादों के बढ़ते प्रयोग से जमीन की उर्वरता क्षमता खत्म होती जा रही है. उन्होंने कहा कि हमें गौमाता और धरती माता को जोड़कर रखना चाहिए, ताकि हम फिर जैविक खादों का प्रयोग कर खैती को उपजाऊ बना सकें.

कार्यक्रम में उपस्थित कृषि मंत्री सचिन यादव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जैविक खादों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने एक हजार गौशालाएं खोलने का निर्णय लिया है. गौशाला में गायों को गोबर से जैविक खाद का निर्माण किया जाएगा.

ग्वालियर। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार को दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने खेतों में बढ़ते रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा है कि रसायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से लोगों में कई तरह की बीमारियां फैल रही है.

कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन

दीक्षांत समारोह में छात्रों के संबोधित करते हुए प्रदेश के राज्यपाल ने कहा कि पहले खेती करने के लिए जैविक खाद का प्रयोग किया जाता था, जिससे जमीन उपजाऊ बनी रहती थी, लेकिन रसायन खादों के बढ़ते प्रयोग से जमीन की उर्वरता क्षमता खत्म होती जा रही है. उन्होंने कहा कि हमें गौमाता और धरती माता को जोड़कर रखना चाहिए, ताकि हम फिर जैविक खादों का प्रयोग कर खैती को उपजाऊ बना सकें.

कार्यक्रम में उपस्थित कृषि मंत्री सचिन यादव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जैविक खादों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने एक हजार गौशालाएं खोलने का निर्णय लिया है. गौशाला में गायों को गोबर से जैविक खाद का निर्माण किया जाएगा.

Intro:ग्वालियर- राजमाता कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में मंच से बोलते हुए मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने खेतों में बढ़ते रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि भारत में पहले कभी रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं होता था उर्वरकों के प्रयोग से कई बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं। भारत में पहले गाय के गोबर आदि का खादय बनाकर खेतों में डाला जाता था जिससे जमीन भी उपजाऊ बनी रहती थी। लेकिन बढ़ती रसायन के प्रयोग के चलते जमीन की उर्वरता क्षमता भी धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है।


Body:उन्होंने कहा कि सरकारों को चाहिए कि गौ माता और धरती माता को जोड़ कर दें ताकि हम एक बार फिर पारंपरिक उर्वरकों का प्रयोग शुरु कर सकें। वहीं इस मामले में कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि यह बात बिल्कुल सही बात है कि रासायनिक उर्वरकों की उपयोग बढ़ गया है यही कारण है कि मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 1000 गौशाला खोलने का निर्णय लिया है। इन गौशाला में जो गोबर निकलेगा और जो गोमूत्र होगा उसे खेतों में खाद के तौर पर उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा सरकार खेतों की गति और क्षमता को लेकर चिंतित है और इस दिशा में कदम भी उठा रही है। वहीं मृदा विज्ञान में गोल्ड मेडलिस्ट छात्र का कहना है कि वह अपनी डिग्री लेकर अब समाज के बीच जा रही है तो निश्चित तौर पर इस बात की चिंता माननीय राज्यपाल महोदय ने जाहिर की है। उस दिशा में लोगों को जागरूक करेंगे। गौरतलब है कि कृषि विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई।


Conclusion:बाइट - सचिन यादव, कृषि मंत्री

बाइट - मिनी श्रीवास्तव , छात्रा
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