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शराब ठेकेदारों ने करोड़ों रुपए की बैंक गारंटी नहीं की जमा, 27 मई के बाद हो सकते हैं ठेके निरस्त

ग्वालियर में शराब ठेकेदारों को बैंक गारंटी जमा करने के लिए समय सीमा दी गई थी जो खत्म हो गई है. बावजूद इसके ठेकेदारों ने 80 करोड़ रुपए जमा नहीं किए हैं.

contract suspension
शराब ठेके हो सकते हैं निरस्त
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Published : May 24, 2020, 11:35 PM IST

ग्वालियर। बैंक गारंटी जमा करने के लिए शराब ठेकेदारों को दी गई समय सीमा खत्म होने के बावजूद उनके द्वारा करीब 80 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जमा नहीं की गई है. इसके कारण अब जिले के ठेकों पर असमंजस बरकरार है. विभाग का कहना है कि 27 मई के बाद ठेकेदारों द्वारा पैसे जमा नहीं कराए जाने की स्थिति में कॉन्ट्रैक्ट निरस्त भी किया जा सकता है.

शराब ठेके हो सकते हैं निरस्त

गौरतलब है कि इस बार दो शराब ठेकेदारों ने जिले का ठेका करीब 400 करोड़ रुपए में लिया था. नियम के मुताबिक दुकानें खुलने के बाद बैंक गारंटी के रूप में 20 फीसदी राशि यानी करीब 80 करोड़ रुपए ठेकेदारों को आबकारी विभाग में जमा कराने थे. आबकारी विभाग के साथ दो बार की बातचीत में कोई निष्कर्ष नहीं निकला. ठेकेदारों ने पहले 22 मई तक समय लिया, इस बीच ठेकेदारों ने भोपाल में भी वाणिज्य कर मंत्री से मुलाकात कर गारंटी को कम करने की गुहार लगाई थी, लेकिन आबकारी विभाग ने बैंक गारंटी अभी तक कम नहीं की है. जिसके बाद ठेकेदारों का एक ग्रुप हाईकोर्ट भी पहुंचा है.

ठेकेदारों का मानना है कि लॉकडाउन के कारण उनके धंधे पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ा है. उनकी दुकानें भी अपेक्षा के अनुरूप नहीं चल रही हैं. लगातार गिरती बिक्री से उन्हें घाटा हो रहा है. ग्वालियर में तो नगर निगम सीमा के भीतर प्रशासन के निर्देश के बावजूद ठेकेदारों ने दुकानें नहीं खोली हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में अंग्रेजी और देसी दोनों तरह की दुकानें खुली हुई हैं. अब वाणिज्य कर विभाग और ठेकेदारों के बीच 27 मई के बाद मामला सुलझने के आसार हैं, अगर ऐसा नहीं हुआ तो ठेके निरस्त भी हो सकते हैं.

ग्वालियर। बैंक गारंटी जमा करने के लिए शराब ठेकेदारों को दी गई समय सीमा खत्म होने के बावजूद उनके द्वारा करीब 80 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जमा नहीं की गई है. इसके कारण अब जिले के ठेकों पर असमंजस बरकरार है. विभाग का कहना है कि 27 मई के बाद ठेकेदारों द्वारा पैसे जमा नहीं कराए जाने की स्थिति में कॉन्ट्रैक्ट निरस्त भी किया जा सकता है.

शराब ठेके हो सकते हैं निरस्त

गौरतलब है कि इस बार दो शराब ठेकेदारों ने जिले का ठेका करीब 400 करोड़ रुपए में लिया था. नियम के मुताबिक दुकानें खुलने के बाद बैंक गारंटी के रूप में 20 फीसदी राशि यानी करीब 80 करोड़ रुपए ठेकेदारों को आबकारी विभाग में जमा कराने थे. आबकारी विभाग के साथ दो बार की बातचीत में कोई निष्कर्ष नहीं निकला. ठेकेदारों ने पहले 22 मई तक समय लिया, इस बीच ठेकेदारों ने भोपाल में भी वाणिज्य कर मंत्री से मुलाकात कर गारंटी को कम करने की गुहार लगाई थी, लेकिन आबकारी विभाग ने बैंक गारंटी अभी तक कम नहीं की है. जिसके बाद ठेकेदारों का एक ग्रुप हाईकोर्ट भी पहुंचा है.

ठेकेदारों का मानना है कि लॉकडाउन के कारण उनके धंधे पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ा है. उनकी दुकानें भी अपेक्षा के अनुरूप नहीं चल रही हैं. लगातार गिरती बिक्री से उन्हें घाटा हो रहा है. ग्वालियर में तो नगर निगम सीमा के भीतर प्रशासन के निर्देश के बावजूद ठेकेदारों ने दुकानें नहीं खोली हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में अंग्रेजी और देसी दोनों तरह की दुकानें खुली हुई हैं. अब वाणिज्य कर विभाग और ठेकेदारों के बीच 27 मई के बाद मामला सुलझने के आसार हैं, अगर ऐसा नहीं हुआ तो ठेके निरस्त भी हो सकते हैं.

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