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चंबल-ग्वालियर में दिग्गजों की डगमगा रही है पतवार, न मिले हार इसलिए सीट बदल रहे हैं उम्मीदवार

ग्वालियर चम्बल अंचल मध्यप्रेदश की राजनीति में कांग्रेस से बडे़ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी से पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बेहद ही संकट के दौर से गुजर रहे हैं.दोनों नेता ही पार्टी में अपनी जगह तलाश रहे है.

दिग्गजों की डगमगा रही है पतवार
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Published : Apr 8, 2019, 10:37 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर चम्बल अंचल मध्यप्रेदश की राजनीतिक दशा और दिशा दोनों ही तय करता है, लेकिन इस अंचल के दो बड़े दिग्गज नेताओं की पतवार ही डगमगाने लगी हैं. जिस वजह से उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी है.राजघराने से तालुल्क रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया जो एक समय में पार्टी में अपना दमखम रखते थे और दूसरे नेताओं को टिकट दिलवाते थे वो आज अपनों को टिकट दिलवाने के लिए जहद्दोजहद कर रहे हैं, यही वजह है कि वो खुद न बोलकर जिला कांग्रेस कमेटी और अपने खास मंत्रियों से प्रियदर्शनीराजे का समर्थन करवा रहे हैं लेकिन ये राह इतनी आसान नहीं है इसके साथ ही उन्हें इसका विरोध भी झेलना पड़ रहा है.

दिग्गजों की डगमगा रही है पतवार

ज्योतिरादित्य सिंधिया की चिंता का एक कारण पारंपरिक सीट गुना से उनका जनाधार भी है.यही वजह है कि इस बार पार्टी उन्हें इंदौर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती हैदूसरी ओर बीजेपी के कद्दावर नेता और ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी संकट से जूझ रहे हैं. इसका एक कारण ये भी है कि विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के डर से तोमर ग्वालियर सीट छोड़कर मुरैना से चुनाव लड़ रहे है. इतना ही नहीं तोमर को टिकट न मिलने से नाराज नेताओं के भीतरघात का भी डर सताने लगा है.

बहरहाल, ग्वालियर चम्बल अंचल मध्यप्रेदश की राजनीति में ये दोनों ही संकट के दौर से गुजर रहे हैं हालांकि दोनों की चिंता अलग है लेकिन अब देखना होगा की पार्टी में अपना दमखम रखने वाले नेता अपना वर्चस्व बचाने में कामयाब होते है या नहीं ...ग्वालिय से अनिल गौर ईटीवी भारत

ग्वालियर। ग्वालियर चम्बल अंचल मध्यप्रेदश की राजनीतिक दशा और दिशा दोनों ही तय करता है, लेकिन इस अंचल के दो बड़े दिग्गज नेताओं की पतवार ही डगमगाने लगी हैं. जिस वजह से उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी है.राजघराने से तालुल्क रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया जो एक समय में पार्टी में अपना दमखम रखते थे और दूसरे नेताओं को टिकट दिलवाते थे वो आज अपनों को टिकट दिलवाने के लिए जहद्दोजहद कर रहे हैं, यही वजह है कि वो खुद न बोलकर जिला कांग्रेस कमेटी और अपने खास मंत्रियों से प्रियदर्शनीराजे का समर्थन करवा रहे हैं लेकिन ये राह इतनी आसान नहीं है इसके साथ ही उन्हें इसका विरोध भी झेलना पड़ रहा है.

दिग्गजों की डगमगा रही है पतवार

ज्योतिरादित्य सिंधिया की चिंता का एक कारण पारंपरिक सीट गुना से उनका जनाधार भी है.यही वजह है कि इस बार पार्टी उन्हें इंदौर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती हैदूसरी ओर बीजेपी के कद्दावर नेता और ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी संकट से जूझ रहे हैं. इसका एक कारण ये भी है कि विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के डर से तोमर ग्वालियर सीट छोड़कर मुरैना से चुनाव लड़ रहे है. इतना ही नहीं तोमर को टिकट न मिलने से नाराज नेताओं के भीतरघात का भी डर सताने लगा है.

बहरहाल, ग्वालियर चम्बल अंचल मध्यप्रेदश की राजनीति में ये दोनों ही संकट के दौर से गुजर रहे हैं हालांकि दोनों की चिंता अलग है लेकिन अब देखना होगा की पार्टी में अपना दमखम रखने वाले नेता अपना वर्चस्व बचाने में कामयाब होते है या नहीं ...ग्वालिय से अनिल गौर ईटीवी भारत

Intro:ग्वालियर - इस समय ग्वालियर चम्बल अंचल की राजनीति में हर दिन एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है इस अंचल के दो बड़े दिग्गज नेता इस समय टेंसन से घिरे हुए है एक समय यह दोनों पार्टीयो के दिग्गज नेता टिकिट दिलवाने में अहम भूमिका रखते थे वह आज अपने लिए जगह तलास कर रहे है । अब हम आपको दिनों नेताओ के नाम बताते है जो इन दिनों संकट से जूझ रहे है । कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर .......यह दोनों दिग्गज नेता अंचल के साथ साथ पार्टी में भी अपना दमखम रहते है लेकिन इन दिनों इन दोनों नेताओं के चहरे पर भाव शून्य दिखाई दे रहे है। पहले बात करते कॉंग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंघिया की । वह इस समय अपनी पत्नी को टिकिट दिलवाने के लिए हाथपैर मार रहे है यही बजह से की वह खुद न बोलकर जिला कॉंग्रेस कमेटी और अपने खास मंत्रियों ने पार्टी प्रियदर्शनीय राजे का समर्थन करवा रहे है साथ ही उनकी पार्टी के ही कुछ नेता उनके विरोध में खड़े हुए है इस बजह से अंचल के टिकिटो को लेकर घमासान है । टेंसन का एक सबसे बड़ा कारण है यह कि गुना संसदीय क्षेत्र से लगातार इनका जनाधार घटता नजर आ रहा है इनको लेकर भी कही न कही चिंता बनी हुई है । यही बजह से सिन्धिया का नाम इंदौर लोकसभा सीट से लड़ने के लिए सामने आता रहा है ।अब बात करते बीजेपी और अंचल की राजनीति के चडक्य कहे जाने बाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह की। यह भी इस समय संकट से जूझ रहे है। पहला कारण तो यह है कि विधानसभा में मिली करारी हार से डर से तोमर ग्वालियर सीट को छोड़कर मुरैना से चुनाव लड़ रहे है । और दूसरा कारण है कि बीजेपी के कुछ नेताओ को टिकिट न मिलने के कारण दूसरी पार्टी के संपर्क में बने हुए है जिससे कही न कही भितरघात का डर सता रहा है । इसमें सबसे बड़ा टेंसन का कारण यह निकलकर आ रहा है कि संगठन नरेंद्र सिंह तोमर को भोपाल सीट से लड़ाने की सोच रहा है इसको लेकर भी टेंसन बना हुआ है ।


Body:वही इसको लेकर बीजेपी का कहना है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह संकट में नही है लेकिन कॉंग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिन्धिया जरूर संकट से गुजर रहे है यही कारण है कि अभी तक सिन्धिया का टिकिट कॉंग्रेस पार्टी फाइनल नही कर पा रही है । वही कॉंग्रेस पार्टी का कहना है कि सिन्धिया एक बड़े नेता के रूप में जाने है पहले सबका चिंता करते है उसके बाद वह अपने बारे में सोचते है । इसलिए उनके टिकिट को लेकर देरी हो रही है । बीजेपी जैसे हम नही है सीनियर नेताओ को साइड लाइन करके सीट हासिल करे ।


Conclusion:बाईट - आर पी सिंह , कोंग्रेस प्रवक्ता

बाईट - राजेश सोलंकी , बीजेपी प्रवक्ता
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